जंग के बीच आस्था पर हमला: इस देश में भगवान विष्णु की मूर्ति पर चला बुलडोजर, भारत ने जताया कड़ा विरोध (Video)

Edited By Updated: 24 Dec, 2025 11:14 PM

in this country a bulldozer was used to demolish an idol of lord vishnu

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर फिर से सैन्य झड़पें तेज हो गई हैं।

इंटरनेशनल डेस्कः थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर फिर से सैन्य झड़पें तेज हो गई हैं। शांति बहाल करने की कई कोशिशों के बावजूद हालात सुधरने के बजाय और बिगड़ते जा रहे हैं। इस संघर्ष का सबसे दुखद पहलू यह है कि जमीन पर कब्जे की लड़ाई में लोगों की धार्मिक आस्था और विश्वासों का सम्मान भी नहीं किया जा रहा।

न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, दो हफ्ते से ज्यादा समय से चल रहे इस सैन्य संघर्ष के दौरान थाईलैंड पर आरोप लगा है कि उसने विवादित सीमा क्षेत्र में हिंदू भगवान विष्णु की एक विशाल मूर्ति को बुलडोजर से गिरा दिया।

कहां और कैसे तोड़ी गई मूर्ति?

कंबोडिया के प्रीह विहियर प्रांत से जुड़े एक सरकारी प्रवक्ता किम चानपन्हा ने बताया कि यह मूर्ति पूरी तरह कंबोडिया की सीमा के भीतर स्थित थी। उनके अनुसार, भगवान विष्णु की यह प्रतिमा साल 2014 में बनाई गई थी और इसे सोमवार को बुलडोजर की मदद से गिराया गया।

उन्होंने बताया कि मूर्ति का स्थान थाईलैंड की सीमा से करीब 100 मीटर दूर था। वहीं, एएफपी की रिपोर्ट में गूगल मैप के जरिए की गई जांच के आधार पर कहा गया है कि मूर्ति सीमा रेखा से लगभग 400 मीटर अंदर स्थित थी, जिससे यह दावा और मजबूत होता है कि यह कंबोडिया के क्षेत्र में थी।

किम चानपन्हा ने कहा, “हम बौद्ध और हिंदू श्रद्धालुओं द्वारा पूजे जाने वाले प्राचीन मंदिरों और मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने की कड़ी निंदा करते हैं। यह सिर्फ एक मूर्ति का टूटना नहीं, बल्कि लोगों की आस्था पर हमला है।”


वायरल वीडियो में क्या दिखा?

सोमवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि बैक-हो लोडर (एक तरह का बुलडोजर) भगवान विष्णु की मूर्ति को तोड़ रहा है। यह वीडियो थाईलैंड के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और स्थानीय मीडिया में भी दिखाया गया। एएफपी ने इस वीडियो की AI-डिटेक्शन टूल से जांच की और इसमें किसी भी तरह की डिजिटल छेड़छाड़ या फर्जीवाड़े के संकेत नहीं मिले। साथ ही, न्यूज एजेंसी ने मूर्ति की लोकेशन की स्वतंत्र रूप से पुष्टि भी की है।

थाई सेना और भारत की प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले पर थाईलैंड की सेना के प्रवक्ता ने टिप्पणी के अनुरोध का कोई जवाब नहीं दिया है। वहीं, बैंकॉक स्थित भारतीय दूतावास के एक मीडिया प्रतिनिधि ने एएफपी को बताया कि इस घटना पर भारत ने सख्त आपत्ति जताई है, हालांकि आधिकारिक बयान का इंतजार किया जा रहा है। भारत की ओर से इस तरह की घटनाओं को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला और बेहद चिंताजनक माना जा रहा है।

अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच इस महीने फिर से शुरू हुए संघर्ष में अब तक 40 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि करीब 10 लाख लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। दोनों देश एक-दूसरे पर संघर्ष को भड़काने और आम नागरिकों को निशाना बनाने के आरोप लगा रहे हैं।

कंबोडिया का आरोप है कि थाई सेना ने सीमा क्षेत्र में मौजूद प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक खंडहरों को नुकसान पहुंचाया है। वहीं, बैंकॉक का कहना है कि उसके सैनिक केवल पुरानी पत्थर की संरचनाओं पर तैनात थे, न कि उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए।

विवाद की जड़ क्या है?

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह संघर्ष उनकी करीब 800 किलोमीटर लंबी साझा सीमा के सीमांकन और उसके आसपास स्थित प्राचीन मंदिरों और धार्मिक स्थलों को लेकर है। इन मंदिरों पर दोनों देश अपना-अपना दावा करते रहे हैं। यही क्षेत्रीय विवाद बार-बार हिंसा और सैन्य टकराव की वजह बनता है।

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