मंडी की जंजीरों से मुक्त करने के लिए सरकार ने बनाए तीनों कृषि कानून: कृषि मंत्री तोमर

Edited By Updated: 10 Dec, 2020 04:51 PM

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदाेलन कर रहे किसानों को मनाने की सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है। किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों में संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को ठुकराते हुए आंदोलन को और तेज करने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में सरकार की तरफ से केंद्रीय...

नेशनल डेस्क: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदाेलन कर रहे किसानों को मनाने की सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है। किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों में संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को ठुकराते हुए आंदोलन को और तेज करने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एक बार फिर किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मंडी की जंजीरों से मुक्त करने के लिए तीनों कृषि कानून बना गए थे।

यह भी पढ़ें: हिंदू और जैन धर्म के लोगों ने मांगा कुतुब मीनार में पूजा-पाठ का अधिकार
 

देश में इस कानून का हुआ स्वागत

  • सांसद के सत्र में सरकार कृषि से जुड़े तीन कानून लेकर आई थी।
  • इन कानूनों पर संसद में सभी दलों के सांसदों ने अपना पक्ष रखा था।
  • लोकसभा और राज्यसभा में बिल पारित हुआ था, चर्चा के दौरान सभी सांसदों ने अपने विचार रखे।
  • कृषि के क्षेत्र में विकास के लिए यह कानून बनाया गया। पूरे देश में इस कानून का स्वागत हुआ है। 

 

सरकार संशोधन के लिए तैयार

  • तीनों कृषि कानून किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए है। तय समय में भुगतान की व्यवस्था की गई है।
  • किसानों की जमीन सुरक्षित रखने का ध्यान रखा गया है। नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं।
  • मंडी से बाहर जाकर भी किसानों को छूट दी गई।
  • सरकार संशोधन के लिए तैयार हैं, हम खुले मन से बातचीत कर रहे हैं।
  • कानून के माध्यम से कृषि क्षेत्र को बढ़ाने की कोशिश की गई।

 

वहीं इससे पहले  तोमर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर आगे की रणनीति पर चर्चा की थी। सूत्रों के अनुसार तोमर ने शाह से अपनी मुलाकात के दौरान किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को समाप्त किए जाने के रास्तों पर चर्चा की। इस मुलाकात के दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। 

यह भी पढ़ें: हनुमान चालीसा पढ़ अपना गम भूला रही IAS टीना डाबी, तलाक की अर्जी के बाद लिखा पहला पोस्ट
 

किसान पहले भी ठुकरा चुके हैं प्रस्ताव 
विवादास्पद कृषि कानूनों पर केंद्रीय गृह मंत्री के किसान संगठनों के 13 प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के एक बाद बुधवार  को  केंद्र की तरफ से किसानों को प्रस्ताव भेजा गया था। प्रस्ताव में सरकार की ओर से सात-आठ मुद्दों पर संशोधन करने की बात की गई थी और कहा गया था कि वह वर्तमान में लागू न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को जारी रखने के लिए ‘‘लिखित में आश्वासन'' देने को तैयार है। हालांकि, किसान संघ के नेताओं ने प्रस्ताव को देश के किसानों का “अपमान” करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार अगर वार्ता के लिये नया प्रस्ताव भेजती है तो वे उस पर विचार कर सकते हैं। 

 

यह भी पढ़ें: लॉकडाउन में बची छुट्टियां अब नहीं होगी बर्बाद, कंपनियाें ने स्टाफ के लिए बदले नियम
 

 हमारी मांगों को मानना होगा: किसान नेता
भारतीय किसान यूनियन (दकौंडा) के जगमोहन सिंह ने कहा था कि हमने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। हम सरकार को प्रत्युत्तर भेजने की योजना बना रहे हैं।  सिंह ने कहा था कि अगर सरकार हमें वार्ता के लिए आमंत्रित करती है तो हम जाएंगे लेकिन हमारी मांगों को मानना होगा। यह अब एक जन आंदोलन बन चुका है। हम खाली हाथ अपने गांवों में नहीं लौट सकते।'' सरकार और किसान संघ के नेताओं के बीच आज होने वाली छठे दौर की बातचीत को रद्द कर दिया गया था।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!