Edited By Shubham Anand,Updated: 13 Jul, 2025 02:36 PM

भारत की स्वदेशी रूप से विकसित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली ‘आकाश’ को अंतरराष्ट्रीय रक्षा बाजार में बड़ा झटका लगा है। ब्राजील ने ‘आकाश’ मिसाइल की खरीद को लेकर चल रही बातचीत को फिलहाल रोक दिया है। ब्राजीलियाई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,...
नेशनल डेस्क : भारत की स्वदेशी रूप से विकसित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली ‘आकाश’ को अंतरराष्ट्रीय रक्षा बाजार में बड़ा झटका लगा है। ब्राजील ने ‘आकाश’ मिसाइल की खरीद को लेकर चल रही बातचीत को फिलहाल रोक दिया है। ब्राजीलियाई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्राजील ने मिसाइल के कुछ महत्वपूर्ण ऑपरेशनल पैरामीटर्स में प्रदर्शन को असंतोषजनक पाया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्राजील ने ‘आकाश’ को हाई-स्पीड और लो-एल्टीट्यूड लक्ष्यों से निपटने के लिए कम प्रभावी माना है। आज के हाइब्रिड युद्ध परिदृश्य में जहां ड्रोन, क्रूज मिसाइल और स्मार्ट बमों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है, ऐसे में ब्राजील को लगता है कि ‘आकाश’ मौजूदा खतरों का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं है।
MBDA की ओर रुख, 1 अरब डॉलर की डील संभावित
ब्राजील ने अब यूरोप की अग्रणी रक्षा कंपनी MBDA की ओर रुख किया है। MBDA की Enhanced Modular Air Defence Solutions (EMADS) प्रणाली नाटो देशों में पहले से इस्तेमाल में है और उसे बेहद विश्वसनीय माना जाता है। ब्राजील और MBDA के बीच बातचीत लगभग 1 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 4.7 अरब रिंगगिट) की संभावित डील के इर्द-गिर्द घूम रही है। यह डील लैटिन अमेरिका में हाल के वर्षों की सबसे बड़ी वायु रक्षा डील मानी जा रही है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को झटका?
यह घटनाक्रम भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ रक्षा नीति के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। भारत ने ‘आकाश’ को अपने सबसे सफल स्वदेशी रक्षा सिस्टम्स में गिना है और इसे वैश्विक बाजार में भी प्रमोट किया जा रहा था। लेकिन ब्राजील के इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि कई देश अब भी नाटो-मानकों वाली रक्षा तकनीक को अधिक भरोसेमंद मानते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अपने रक्षा सिस्टम्स की तकनीकी क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए निरंतर सुधार और नवाचार की आवश्यकता है।