इंडिगो फ्लाइट संकट: CEO ने मांगी माफी लेकिन कहां हुई चूक? देनें होंगे सवालों के जवाब

Edited By Updated: 06 Dec, 2025 04:06 PM

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इंडिगो की उड़ानें पिछले पांच दिनों से देरी और कैंसिलेशन का शिकार हो रही हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। नए FDTL नियमों के लागू होने से उत्पन्न अव्यवस्था पर एयरलाइन ने माफी मांगते हुए कहा कि 10–15 दिसंबर तक हालात सामान्य हो जाएंगे।...

नेशनल डेस्क : पिछले पांच दिनों से इंडिगो फ्लाइट्स से यात्रा करने वाले यात्री लगातार परेशानियों का सामना कर रहे हैं। तय समय पर उड़ानें न मिलने, फ्लाइट कैंसिल होने और घंटों की देरी ने हजारों लोगों की यात्रा योजनाओं को प्रभावित किया। कई यात्रियों की चिंताजनक तस्वीरें और शिकायतें सोशल मीडिया पर सामने आईं, जिसमें एयरलाइन की लापरवाही पर नाराज़गी स्पष्ट दिखी। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन होने के कारण इंडिगो की इन समस्याओं का असर राष्ट्रीय स्तर पर देखा गया। इंडिगो ने असुविधा के लिए माफी मांगते हुए इसे नए नियमों के लागू होने से उत्पन्न तकनीकी और संचालन संबंधी चुनौतियों का परिणाम बताया। हालांकि सवाल यह बना हुआ है कि वही नियम अन्य एयरलाइंस के लिए भी थे, फिर वहां ऐसी अव्यवस्था क्यों नहीं हुई?

इंडिगो पर उठ रहे सवाल
उड़ानों में लगातार हो रही देरी और कैंसिलेशन के बाद इंडिगो पर ये अहम सवाल उठे हैं:

नए नियमों के अनुसार पहले से प्लानिंग क्यों नहीं की गई?

चेतावनी के बावजूद बैकअप प्लान क्यों तैयार नहीं था?

पायलट और क्रू की संख्या का सही आकलन क्यों नहीं हुआ?

क्रू की ट्रेनिंग और रोस्टर मैनेजमेंट में खामियां कैसे रह गईं?

फ्लाइट कैंसिलेशन पर रियल टाइम जानकारी यात्रियों को क्यों नहीं मिली?

इंडिगो का ‘We Are Sorry’ बयान
इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने फ्लाइट संकट पर माफी मांगते हुए कहा- "हम अपने ग्राहकों को हो रही परेशानी के लिए दिल से माफी मांगते हैं। भरोसा दिलाते हैं कि 10 से 15 दिसंबर के बीच हालात सामान्य हो जाएंगे।"

एयरलाइन का कहना है कि बीते दिनों किए गए प्रबंधन उपाय पर्याप्त साबित नहीं हुए। सिस्टम और शेड्यूल को रीस्टार्ट करने के फैसले से आज तक की सबसे अधिक फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं। इंडिगो ने बताया कि DGCA द्वारा FDTL नियमों में अस्थायी राहत मिलने से संचालन में सुधार की उम्मीद है।

इसी के साथ एयरलाइन ने 10 फरवरी 2026 तक A320 बेड़े हेतु कुछ फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों से छूट मांगी है, ताकि परिचालन स्थिरता को पूरी तरह बहाल किया जा सके। फिलहाल फ्लाइट रद्दीकरण की संख्या 170–200 प्रतिदिन तक पहुंच गई है, जो सामान्य से काफी अधिक है।

कहां हुई चूक? विशेषज्ञों की राय
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स के अध्यक्ष सी. रंधावा ने कहा कि FDTL नियम लागू होने से पहले एयरलाइंस के साथ मिलकर महीनों तैयारी की गई थी और सभी कंपनियों को पहले से जानकारी थी।
उन्होंने कहा कि:

DGCA को नए नियम लागू करने से पहले सभी एयरलाइंस की बैठक बुलानी चाहिए थी।

बैठक के आधार पर यह निर्धारित किया जा सकता था कि नियम लागू होने के बाद कुल कितने पायलटों की आवश्यकता होगी।

कंपनियों को समय रहते भर्ती के निर्देश दिए जाने चाहिए थे।

उन्होंने इंडिगो की गंभीर चूक बताते हुए कहा कि जब उसे नवंबर के अंतिम सप्ताह में सिस्टम में उत्पन्न समस्याओं का अंदेशा हो गया था, तब कंट्रोल रूम की क्षमता और कमांड बढ़ाई जानी चाहिए थी। इसके अभाव में यात्रियों को रियल टाइम अपडेट नहीं मिल सके और लोग एयरपोर्ट पहुंचकर ही जान पाए कि फ्लाइट देरी से है या रद्द हो गई है। इसका परिणाम यह हुआ कि देश के कई बड़े हवाईअड्डों पर यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी।

भारतीय आसमान में इंडिगो का दबदबा
भारतीय हवाई क्षेत्र में इंडिगो का दबदबा काफी मजबूत है। घरेलू उड़ानों में इसका मार्केट शेयर 64.2% है। एयरलाइन के पास कुल 434 विमान हैं, जो प्रतिदिन 2300 उड़ानें संचालित करते हैं। रोजाना तीन लाख से अधिक यात्री इंडिगो के जरिए सफर करते हैं। स्टाफ की बात करें तो एयरलाइन के पास 5456 पायलट, 10,212 केबिन क्रू सदस्य और कुल मिलाकर 41,000 से अधिक स्थायी कर्मचारी हैं।

नियमों में किए गए बदलाव और राहत
नियमों में बदलाव को लेकर DGCA ने कुछ प्रावधानों में राहत दी है। पुराने नियम के अनुसार, पायलट को सात दिन लगातार काम करने के बाद 36 घंटे का आराम मिलता था, जिसे बढ़ाकर 48 घंटे किया गया है। नाइट ड्यूटी का समय रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक था, जिसे 12 बजे से सुबह 6 बजे तक किया जाना था, लेकिन इसमें फिलहाल राहत दी गई है।

नाइट ड्यूटी के बाद आराम का समय 10 घंटे था, जिसे बढ़ाकर 12 घंटे किया गया है। रात में होने वाली लैंडिंग की सीमा 6 से घटाकर 2 करने के प्रस्ताव पर भी DGCA ने अस्थायी रोक लगाई है। इन बदलावों का उद्देश्य पायलटों की थकान को कम करना और उड़ानों की सुरक्षा को बेहतर बनाना था, हालांकि DGCA ने फिलहाल कुछ प्रावधानों में 10 फरवरी 2026 तक की छूट दे दी है।

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