'वो सभी बिंदी, सिन्दूर और मंगलसूत्र के साथ', कंगना रनौत ने चंद्रयान-3 से जुड़ी महिला वैज्ञानिकों की तारीफ

Edited By Yaspal,Updated: 27 Aug, 2023 06:11 PM

kangana ranaut praises women scientists associated with chandrayaan 3

बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत ने चंद्रयान3 प्रोजेक्ट में योगदान देने वाली महिला वैज्ञानिकों की तारीफ की है। उन्होंने रविवार को अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर महिला वैज्ञानिकों के एक ग्रुप की तस्वीर पोस्ट की

नेशनल डेस्कः बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत ने चंद्रयान3 प्रोजेक्ट में योगदान देने वाली महिला वैज्ञानिकों की तारीफ की है। उन्होंने रविवार को अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर महिला वैज्ञानिकों के एक ग्रुप की तस्वीर पोस्ट की। तस्वीर के कैप्शन में कंगना ने लिखा, “भारत के प्रमुख वैज्ञानिक वे सभी बिंदी, सिन्दूर और मंगलसूत्र के साथ... सादा जीवन और उच्च विचार का प्रतीक... भारतीयता का सच्चा सार। इसरो की सभी महिला वैज्ञानिकों को साड़ी और बिंदी पहने देखा जा सकता है। कैमरे के सामने पोज़ देते समय वे सभी मुस्कुरा रहे थे।
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वैज्ञानिक देश को नई ऊंचाइयों पर ले गए- मोदी
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की है कि चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर उतरा है, उसका नाम ‘शिव-शक्ति पॉइंट' होगा, जो कल्याण एवं ताकत का मेल है। मोदी चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों से मिलने के लिए यूनान की राजधानी एथेंस से शनिवार को सीधे बेंगलुरु पहुंचे और उन्होंने घोषणा की कि जिस स्थान पर लैंडर ‘विक्रम' उतरा था, उसका नाम ‘शिव शक्ति पॉइंट' रखा जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास का ‘‘असाधारण क्षण'' करार दिया।

मोदी ‘इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क' (आईएसटीआरएसी) में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने 2019 में अपने पदचिह्न छोड़े थे, उसे ‘तिरंगा पॉइंट' के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सतह पर उतरने की जगह का नामकरण करने की वैज्ञानिक परंपरा रही है। भारत ने चंद्रमा के उस क्षेत्र का नामकरण करने का फैसला किया है, जहां हमारा चंद्रयान-3 उतरा था। जिस स्थान पर ‘विक्रम' लैंडर उतरा था, उसे ‘शिव शक्ति पॉइंट' के नाम से जाना जाएगा।''
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मोदी ने कहा, ‘‘शिव में मानवता के कल्याण का संकल्प समाहित है और ‘शक्ति' से हमें उन संकल्पों को पूरा करने का सामर्थ्य मिलता है। चंद्रमा का ‘शिवशक्ति पॉइंट' हिमालय के कन्याकुमारी से जुड़े होने का बोध कराता है।'' उन्होंने कहा कि नयी पीढ़ी को भारत के शास्त्रों में वर्णित खगोलीय सूत्रों को वैज्ञानिक ढंग से सिद्ध करने और उनका नये सिरे से अध्ययन करने के लिए आगे आना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘‘यह हमारी विरासत और विज्ञान के लिए भी जरूरी है। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों का आज दोहरा दायित्व है। भारत के पास विज्ञान के ज्ञान का जो खजाना है, वह गुलामी के लंबे कालखंड में दब गया है, छिप गया है। आजादी के इस अमृतकाल में हमें इस खजाने को भी खंगालना है, उस पर शोध करनी है और इसके बारे में दुनिया को भी बताना है।''

भारत चंद्रमा पर है...
इसरो के वैज्ञानिकों के दल को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘मैं आपसे मिलने और आपके परिश्रम, समर्पण, साहस, लगन और जज्बे को सलाम करने के लिए अधीर और उत्सुक था।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत चंद्रमा पर है। हमारे राष्ट्र का गौरव चंद्रमा पर पहुंच गया है।'' मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए महिला वैज्ञानिकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, ‘‘देश की नारीशक्ति ने बड़ी भूमिका निभाई है।'' उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह के जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने 2019 में अपने पदचिह्न छोड़े थे, उसे ‘तिरंगा पॉइंट' के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि यह ‘तिरंगा पॉइंट' भारत के हर प्रयास की प्रेरणा बनेगा और सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती।
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मोदी ने कहा, ‘‘अगर दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो सफलता मिलकर ही रहती है।'' उन्होंने कहा कि भारत चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने की याद में 23 अगस्त की तारीख ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' के रूप में मनाएगा। मोदी ने कहा कि ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' हर वर्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष की भावना का जश्न मनाएगा और ‘‘हमें हमेशा के लिए प्रेरित करता'' रहेगा। प्रधानमंत्री के अभिवादन के लिए आईएसटीआरएसी के पास स्थित जलहल्ली क्रॉस और एचएएल (हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) हवाई अड्डे के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। इनमें से कई ने हाथों में तिरंगा थाम रखा था।

मोदी ने कुछ दूरी तक रोड-शो भी किया और इस दौरान सड़कों के दोनों ओर कतार में खड़े लोगों ने नारे लगाए। आईएसटीआरएसी में, इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मोदी को चंद्रयान-3 मिशन के बारे में जानकारी दी। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 21वीं सदी के इस कालखंड में जो देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बढ़त बना लेगा, वह देश सबसे आगे निकल जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत के छोटे-छोटे बच्चों की जुबान पर चंद्रयान का नाम है। आज भारत का हर बच्चा वैज्ञानिकों में अपना भविष्य देख रहा है।'' 

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