1.40 लाख पहुंचा सोना... जानें 2026 में सोने को लेकर क्या कहती है Goldman Sachs की रिपोर्ट

Edited By Updated: 28 Dec, 2025 12:51 PM

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सोने की कीमतों ने ऐतिहासिक स्तर छूते हुए 10 ग्राम का भाव 1.40 लाख रुपये तक पहुंचा दिया है। इस तेजी ने निवेशकों का ध्यान खींचा है। गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक, 2026 में भी सोने के दाम मजबूत रह सकते हैं। वैश्विक तनाव, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और...

नेशनल डेस्क : साल 2025 खत्म होने को है, लेकिन सोने की कीमतों में गिरावट के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। 24 कैरेट सोने का भाव 10 ग्राम के लिए करीब 1.40 लाख रुपये तक पहुंच चुका है। ऐसे में यह साल सोने के इतिहास में एक खास मुकाम हासिल करता नजर आ रहा है। पूरे साल के दौरान सोने की कीमतें लगातार नए रिकॉर्ड बनाती रहीं। इस साल की शुरुआत में 10 ग्राम सोने की कीमत करीब 83,680 रुपये थी, जो अब बढ़कर डेढ़ लाख रुपये के करीब पहुंच गई है। यानी 2025 में अब तक सोने की कीमतों में 70 फीसदी से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई है।

क्या 2026 में भी जारी रहेगी तेजी?

अब निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अगले साल भी सोने की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहेंगी। अंतरराष्ट्रीय निवेश बैंक जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का अनुमान है कि दिसंबर 2026 तक सोने की कीमत 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। भारतीय मुद्रा में यह करीब 1.58 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास होगा। वहीं गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) के एक सर्वे के मुताबिक, अगले साल सोने की कीमतों में करीब 36 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, इन अनुमानों में भारत में लगने वाला 3 फीसदी GST और स्टांप ड्यूटी शामिल नहीं है।

यह भी पढ़ें - सोने के महंगे दामों के बीच मिडिल क्लास ने खरीदारी के लिए निकाला ये नया तरीका

सोने की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?

सोने की कीमतों में आई इस तेज बढ़ोतरी के पीछे कई बड़े कारण हैं। सबसे अहम वजह वैश्विक स्तर पर बढ़ता तनाव है। रूस-यूक्रेन युद्ध लंबे समय से जारी है और अब तक इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। इसके अलावा वेनेजुएला से कच्चे तेल की सप्लाई में रुकावट की आशंका और अफ्रीका में चरमपंथी संगठनों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की खबरों ने भी बाजार में अनिश्चितता बढ़ा दी है। ऐसे हालात में निवेशक शेयर बाजार जैसे जोखिम वाले विकल्पों से दूरी बनाकर सोना और चांदी जैसे सुरक्षित निवेश की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है।

ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी वजह

सोने की मांग बढ़ने की एक और बड़ी वजह यह उम्मीद है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक अगले साल ब्याज दरों में कम से कम दो बार कटौती कर सकता है। ब्याज दरें घटने पर फिक्स्ड डिपॉजिट और बॉन्ड जैसे निवेश कम आकर्षक हो जाते हैं। ऐसे में निवेशक अपनी पूंजी की सुरक्षा के लिए सोने में निवेश करना ज्यादा बेहतर मानते हैं। यही कारण है कि गोल्ड ETF में लगातार निवेश बढ़ रहा है। इसके साथ ही दुनिया भर के केंद्रीय बैंक भी बड़े पैमाने पर सोने की खरीदारी कर रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों को और मजबूती मिल रही है। मौजूदा हालात को देखते हुए आने वाले समय में भी सोने की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं।

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