जानिए कैसा होता है अंतरिक्ष यात्रियों का खान-पान?

Edited By Updated: 26 Jun, 2025 03:22 PM

know what is the diet of astronauts

भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने हाल ही में अपनी 14 दिन की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा शुरू की है। वे अपने साथ मिशन के लिए ज़रूरी सामान के साथ-साथ कुछ खास चीज़ें जैसे गाजर का हलवा और आम का रस भी लेकर गए हैं। इसके बाद से ही सभी के...

नेशनल डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने हाल ही में अपनी 14 दिन की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा शुरू की है। वे अपने साथ मिशन के लिए ज़रूरी सामान के साथ-साथ कुछ खास चीज़ें जैसे गाजर का हलवा और आम का रस भी लेकर गए हैं। इसके बाद से ही सभी के मन में यह सवाल आ रहा है कि आखिर अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों का खान-पान कैसा होता है? क्या वे वहाँ धरती पर आम इंसान की तरह खाना खाते हैं या कुछ अलग तरीका होता है? आइए जानते हैं।

अंतरिक्ष में कैसा होता है खाना?

पहले के समय में अंतरिक्ष यात्री मुख्य रूप से बेबी फूड लेकर जाते थे लेकिन अब तकनीकों में सुधार के साथ-साथ खाने में भी काफी बदलाव आया है। अब यात्री थर्मो-स्टेबलाइज्ड यानी कम नमी वाला खाना भी खाते हैं जिसे अक्सर पानी मिलाकर तैयार किया जाता है। अंतरिक्ष में कुछ खाने वाली चीज़ें पानी के ज़रिए खाई जाती हैं तो वहीं कुछ को स्वाभाविक रूप से खाया जा सकता है।

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अंतरिक्ष में सीमित मात्रा में ही खाने की इजाज़त होती है इसलिए वहाँ खाने को वजन के हिसाब से नियंत्रित किया जाता है। अंतरिक्ष यात्री वहाँ फल, ब्राउनी, फ्रीज-ड्राइड खाद्य पदार्थ जैसे स्नैक्स खा सकते हैं। आज के समय में अंतरिक्ष में खाने के लिए रीहाइड्रेडेट फूड्स भी उपलब्ध हैं जिनमें चिकन कॉन्सोमे जैसे सूप, पनीर, मैकरोनी, श्रिंप कॉकटेल एपेटाइजर और तले हुए अंडे आदि शामिल हैं।

 

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इसके अलावा अंतरिक्ष यात्री माइक्रोएल्गी, लैब ग्रोन मीट और वाइन की गोलियों जैसे सुपरफूड भी लेते हैं। एस्ट्रोनॉट्स के लिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि उनका खाना पौष्टिक होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी हो।

कौन सा खाना अंतरिक्ष में नहीं ले जा सकते?

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कुछ ऐसी चीज़ें भी हैं जिन्हें अंतरिक्ष में नहीं ले जाया जा सकता क्योंकि वे अंतरिक्ष स्टेशन के लिए समस्या पैदा कर सकती हैं या उनके सेवन में कठिनाई हो सकती है। इनमें शामिल हैं:

  • ब्रेड: ब्रेड के छोटे टुकड़े (क्रम्ब्स) हवा में तैर सकते हैं और मशीनरी को नुकसान पहुँचा सकते हैं या अंतरिक्ष यात्रियों की आँखों में जा सकते हैं।
  • सूखा नमक और काली मिर्च: ये भी हवा में उड़ सकते हैं।

 

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  • कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (जैसे सोडा): शून्य गुरुत्वाकर्षण में गैस ठीक से अलग नहीं होती जिससे पेट में परेशानी हो सकती है।
  • अल्कोहल: अंतरिक्ष स्टेशन पर इसकी अनुमति नहीं है।
  • ताज़े फल और सब्ज़ियाँ: इन्हें बहुत कम मात्रा में ले जाया जाता है और ये जल्दी खराब हो सकती हैं इसलिए लंबी यात्राओं के लिए ये उपयुक्त नहीं होतीं।

 

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अंतरिक्ष में ताज़ा पानी कम मात्रा में होता है इसलिए वहाँ ले जाने के लिए खाने को इस तरीके से तैयार किया जाता है कि ज़्यादा पानी की ज़रूरत न पड़े और ये लंबे वक्त तक खराब न हो।

कैसा होता है अंतरिक्ष यात्रियों का डाइट प्लान?

अंतरिक्ष यात्रियों को दिया जाने वाला खाना स्पेशल पैकेट्स में और छोटे टुकड़ों में रखा जाता है। लिक्विड (जैसे सूप या जूस) को ट्यूब्स में रखा जाता है ताकि उनको आसानी से निचोड़ कर खाया जा सके। उन्हें बिना क्रम्ब्स वाला खाना दिया जाता है ताकि खाने के छोटे-छोटे टुकड़े हवा में तैरकर लोगों को या संवेदनशील मशीनों को नुकसान न पहुँचाएं।

वहाँ के लिए चाय, कॉफी और जूस को पाउडर फॉर्म में भेजा जाता है और इसमें पानी मिलाकर पिया जाता है। अगर कोई अंतरिक्ष यात्री वहाँ पर बहुत लंबे समय तक रहता है तो उसकी डाइट भी उसी के अनुसार होती है ताकि उनका वजन कम न हो और हड्डियाँ व मसल्स कमजोर न पड़ें। अंतरिक्ष में रहते हुए शरीर पर शून्य गुरुत्वाकर्षण के प्रभावों से निपटने के लिए एक विशेष और संतुलित आहार बहुत ज़रूरी होता है।

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