Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Jun, 2023 09:16 PM
ओडिशा में हुए रेल हादसे को लेकर केंद्र की आलोचना करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार का पूरा जोर ‘‘प्रचार पाने और दिखावा करने'' पर है, यात्रियों की सुरक्षा पर नहीं।
नेशनल डेस्क: ओडिशा में हुए रेल हादसे को लेकर केंद्र की आलोचना करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार का पूरा जोर ‘‘प्रचार पाने और दिखावा करने'' पर है, यात्रियों की सुरक्षा पर नहीं। आप के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) एवं राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने दावा किया कि दुर्घटनाओं को टालने के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले टक्कर रोधी उपकरण देश के रेल नेटवर्क के केवल दो प्रतिशत हिस्से में लगाये गये हैं। पाठक ने शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच हुई टक्कर में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई और घायलों की संख्या 800 से अधिक है। दोनों एक्सप्रेस ट्रेन से करीब 2,000 यात्री सफर कर रहे थे। रेलवे पर संसद की स्थायी समिति के सदस्य पाठक ने कहा कि रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार के एजेंडे में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे समिति की पिछली बैठक में, मैंने सुझाव दिया था कि सरकार का मुख्य रूप से जोर सबसे पहले यात्रियों की सुरक्षा पर होना चाहिए।
लेकिन सरकार का पूरा जोर प्रचार पाने और दिखावा करने पर है, सुरक्षा पर नहीं।'' उन्होंने दावा किया कि टक्कर रोधी उपकरण लगाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन देश के 65,000 किमी लंबे रेल नेटवर्क में केवल दो प्रतिशत में ही इन्हें लगाया गया है। पाठक ने कहा कि यदि मोदी सरकार ने नौ वर्षों में रेल नेटवर्क के महज दो प्रतिशत को ‘कवर' किया है तो इसका मतलब है कि पूरे नेटवर्क में टक्कर रोधी उपकरण लागने में 400 से अधिक साल लग जाएंगे। पाठक ने दावा किया कि देश की 23,000 ट्रेनों में केवल 65 ही टक्कर रोधी उपकरण से लैस हैं।