Edited By Harman Kaur,Updated: 26 Jun, 2025 03:50 PM

केरल में बृहस्पतिवार को मानसून ने अपना विकराल रूप दिखाया। राज्य के एर्नाकुलम, इडुक्की और त्रिशूर जिलों के निचले इलाके भारी बारिश के चलते जलमग्न हो गए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि राज्य के अन्य...
नेशनल डेस्क: केरल में बृहस्पतिवार को मानसून ने अपना विकराल रूप दिखाया। राज्य के एर्नाकुलम, इडुक्की और त्रिशूर जिलों के निचले इलाके भारी बारिश के चलते जलमग्न हो गए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
बारिश और तेज हवाओं के कारण तिरुवनंतपुरम समेत कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए, होर्डिंग्स गिर गए और जनजीवन बाधित हो गया। IMD ने इडुक्की, मलप्पुरम और वायनाड जिलों में भी बृहस्पतिवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट लागू किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, रेड अलर्ट का अर्थ है कि अगले 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है। ऑरेंज अलर्ट 11 से 20 सेंटीमीटर और येलो अलर्ट 6 से 11 सेंटीमीटर तक बारिश की चेतावनी के लिए जारी किया जाता है।
इस बीच राज्य के सिंचाई विभाग ने नदियों में बढ़ते जलस्तर को लेकर अलर्ट जारी किया है। मुवत्तुपुझा, भरतपुझा, अचनकोविल, पंबा, मणिमाला, थोडुपुझा और कबानी जैसी प्रमुख नदियों के किनारे बसे इलाकों में खतरे की घंटी बज चुकी है।
बारिश और नदियों के उफान के चलते कई गांवों में पानी भर गया है, जिससे एर्नाकुलम, त्रिशूर और इडुक्की जिलों के सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
वायनाड जिले के मुंडक्कई-चूरलमाला क्षेत्र में लगातार बारिश से चूरलमाला नदी उफान पर है और बेली ब्रिज के आसपास मिट्टी कटाव से खतरा बढ़ गया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष जुलाई में इस क्षेत्र में कई बड़े भूस्खलन हुए थे, जिनमें 200 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।