Edited By Anil dev,Updated: 12 Jan, 2022 05:57 PM
“बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा, सलामत रहे दोस्ताना हमारा!” अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा पर फिल्माया यह गाना आपको याद ही होगा।
नेशनल डेस्क: “बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा, सलामत रहे दोस्ताना हमारा!” अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा पर फिल्माया यह गाना आपको याद ही होगा। रिश्तों का एक ऐसा ही किस्सा करतारपुर के गुरद्वारा दरबार साहिब में देखा गया जहां 1947 में भारत विभाजन के दौरान अलग हुए दो भाईयों ने कभी सोचा न होगा कि वह 74 साल मिल पाएंगे। भारत के 94 साल के सरदार गोपाल सिंह दरबार साहिब पहुंचे तो उन्हें नहीं पता था कि वह विभाजन के दौरान अपने खोए दोस्त मुहम्मद बशीर से मिल पाएंगे। 91 बरस के बशीर पाकिस्तान के नरोवाल शहर से हैं। 74 साल बाद एक-दूसरे को देख दोनों की आंखों में आंसू गए है।
इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर दो बिछड़े भाइयों का मिलन 74 साल बाद हुआ है। दोनों आपस में मिलने के बाद रोने लगे। दोनों गले मिलकर फफक-फफक कर रो रहे हैं। ये वीडियो इतना बावुक कर देने वाला है कि लोग बेहद भावुक नज़र आ रहे हैं।
हाल ही में भारत से जब गोपाल सिंह करतारपुर साहिब का दर्शक करने पहुंचे तो वहां उनकी मुलाकात अपने बिछड़े हुए दोस्त बशीर से हो गई जो पाकिस्तान के नरोवाल शहर में रहते हैं। पाकिस्तान के न्यूज आउटलेट डॉन के अनुसार दोनों जब छोटे थे तो साथ में यहां दर्शन करने जाते थे और चाय-नाश्ता करते थे। सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो पर चर्चा कर रहे हैं।