न काटा, न खरोंचा...फिर भी मौत: कुत्ते के चाटने से 2 साल के बच्चे की...लार से फैला खतरनाक वायरस, डॉक्टर ने दी बड़ी चेतावनी

Edited By Updated: 20 Aug, 2025 03:55 PM

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कुत्तों के काटने से रेबीज और मौत की खबरें तो आपने सुनी होंगी, लेकिन उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक चौंकाने वाला और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक 2 साल के बच्चे की मौत सिर्फ इसलिए हो गई, क्योंकि एक कुत्ते ने उसकी चोट को चाट लिया था।...

नेशनल डेस्क: कुत्तों के काटने से रेबीज और मौत की खबरें तो आपने सुनी होंगी, लेकिन उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक चौंकाने वाला और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक 2 साल के बच्चे की मौत सिर्फ इसलिए हो गई, क्योंकि एक कुत्ते ने उसकी चोट को चाट लिया था। इस घटना ने एक बार फिर कुत्तों की लार से होने वाले संक्रमण के खतरे को उजागर कर दिया है।

महज एक गलती और गई जान
बदायूं के सहसवान इलाके के रहने वाले मोहम्मद अदनान नाम के 2 साल के बच्चे के पैर में एक घाव था। करीब एक महीने पहले एक कुत्ते ने उस घाव को चाट लिया। इसके बाद बच्चे में हाइड्रोफोबिया (पानी से डर लगना) और पानी पीने से इनकार करने जैसे लक्षण दिखने लगे। जब उसकी हालत ज़्यादा बिगड़ी, तो उसे अस्पताल ले जाया गया, जहाँ अगले दिन उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने मौत की वजह रेबीज बताई है।

इस घटना के बाद पूरे गाँव में दहशत फैल गई है। एहतियात के तौर पर गाँव के करीब दो दर्जन लोग अस्पताल पहुँचे और सभी को रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया।

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कुत्ते की लार क्यों है इतनी खतरनाक?
बदायूं जिला अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रशांत त्यागी ने चेतावनी दी है कि कुत्तों के काटने या चाटने को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि कुत्ते, बिल्ली या बंदर जैसे जानवरों की लार में रेबीज वायरस हो सकता है, जो किसी भी घाव या म्यूकस मेम्ब्रेन (आंख, मुँह, नाक) के संपर्क में आने पर इंसान में संक्रमण फैला सकता है।

  • रेबीज के अलावा, कुत्ते की लार में कई तरह के खतरनाक बैक्टीरिया भी होते हैं, जो छोटे से घाव को भी गंभीर बना सकते हैं:
  • पास्तुरेला मल्टोसिडा (Pasteurella multocida): यह एक आम बैक्टीरिया है जो घाव को गंभीर बना सकता है।
  • कैप्नोसाइटोफागा कैनिमॉरसस (Capnocytophaga canimorsus): यह कमज़ोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में खून के संक्रमण (सेप्सिस) का कारण बन सकता है।
  • स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus): यह त्वचा में संक्रमण फैलाता है और कई बार एंटीबायोटिक-रेसिस्टेंट भी हो सकता है।

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