Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 Jun, 2025 08:49 AM

रेने जोशिल्दा, जो पेशे से एक रोबोटिक्स एक्सपर्ट है और एक नामी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती है, ने एकतरफा प्यार में बौखलाकर अपने सहकर्मी दिविज प्रभाकर को जेल पहुंचाने की साजिश रच डाली। उसने दिविज के नाम से फर्जी ईमेल आईडी बनाईं और देश के 12 राज्यों...
चेन्नई: एक असफल प्रेम कहानी किस हद तक जा सकती है, इसका हैरान करने वाला उदाहरण चेन्नई से सामने आया है। यहां एक युवती ने अपने सहकर्मी से बदला लेने के लिए ऐसा सायबर जाल बुना कि देश की सुरक्षा एजेंसियां भी चकरा गईं।
रेने जोशिल्दा, जो पेशे से एक रोबोटिक्स एक्सपर्ट है और एक नामी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती है, ने एकतरफा प्यार में बौखलाकर अपने सहकर्मी दिविज प्रभाकर को जेल पहुंचाने की साजिश रच डाली। उसने दिविज के नाम से फर्जी ईमेल आईडी बनाईं और देश के 12 राज्यों में 21 से ज्यादा बम धमकियों वाले ईमेल भेज दिए।
क्या था युवती का मकसद?
पुलिस की जांच में सामने आया कि रेने दिविज से प्रेम करती थी, लेकिन जब फरवरी 2025 में दिविज ने शादी कर ली, तो रेने का दिल टूट गया। उसने बदले की आग में जलते हुए यह फैसला किया कि वह दिविज को आतंकवादी गतिविधियों में फंसा देगी।
बम धमकियों का साइबर प्लान
रेने ने तकनीकी विशेषज्ञता का दुरुपयोग करते हुए डार्क वेब और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का सहारा लिया ताकि उसकी पहचान छुपी रहे। फर्जी मेल आईडी बनाकर उसने दिल्ली, पंजाब, बिहार, गुजरात और अन्य राज्यों को निशाना बनाया। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में IPL 2025 फाइनल को लेकर भी उसने बम धमकी दी, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया।
एक विमान हादसे को भी घसीटा
रेने ने हाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे को आतंकी साजिश से जोड़ने की कोशिश की और बीजे मेडिकल कॉलेज को धमकी भरा ईमेल भेजा। उसने इसे इस तरह पेश किया मानो दिविज इस साजिश का हिस्सा हो।
कैसे हुआ पर्दाफाश?
हालांकि रेने ने कई परतों में खुद को छिपाने की कोशिश की, लेकिन साइबर फॉरेंसिक और तकनीकी विश्लेषण की मदद से पुलिस ने उसकी पहचान कर ली। जब उसे गिरफ्तार किया गया, तो उसकी हरकतों ने सभी को हैरान कर दिया।
आरोप और कानूनी कार्रवाई
रेने जोशिल्दा पर आईटी एक्ट, झूठी सूचना फैलाने, और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि उसके कारण हजारों लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी और सुरक्षा एजेंसियों का कीमती समय बर्बाद हुआ।