Edited By Anu Malhotra,Updated: 03 Jul, 2025 01:40 PM

झारखंड के साहिबगंज जिले से एक बड़ी चूक और लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिले के बरहरवा रेलवे सेटिंग यार्ड में बुधवार को एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया, जब पत्थर लदी एक मालगाड़ी के...
नेशनल डेस्क: झारखंड के साहिबगंज जिले से एक बड़ी चूक और लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिले के बरहरवा रेलवे सेटिंग यार्ड में बुधवार को एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया, जब पत्थर लदी एक मालगाड़ी के डिब्बे अचानक बिना किसी इंजन के खिसकते हुए दूसरी मालगाड़ी से टकरा गए।
कैसे हुआ हादसा?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यार्ड में एक मालगाड़ी खड़ी थी, जिसमें पत्थरों से लदे डिब्बे लगे हुए थे। इसी दौरान अचानक कुछ डिब्बे अपने आप आगे की ओर लुढ़कने लगे। वे इतनी तेज रफ्तार से खिसके कि पास ही खड़ी दूसरी मालगाड़ी से जा भिड़े। इस जोरदार टक्कर के कारण कई डिब्बे पटरी से उतर गए और एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए। इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दिख रहा है कि कैसे डिब्बे बेकाबू होकर भिड़ंत के बाद एक के ऊपर एक चढ़ते चले गए। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यार्ड में कोई पर्याप्त रोकथाम की व्यवस्था नहीं थी, जिससे यह घटना हुई।
जानमाल का नुकसान नहीं, लेकिन आर्थिक क्षति भारी
हालांकि राहत की बात यह रही कि इस दुर्घटना में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। लेकिन रेलवे को इससे भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। कई डिब्बों के पटरी से उतरने के कारण यार्ड में लोडिंग और अनलोडिंग का कार्य ठप हो गया है। इससे ट्रेनों के परिचालन पर भी असर पड़ सकता है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
स्थानीय लोगों ने बताया कि बरहरवा यार्ड में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन की ओर से सुरक्षा मानकों में कोई बड़ा सुधार नहीं किया गया है। कई बार बिना ब्रेक लॉक किए या निगरानी के बिना मालगाड़ियों को खड़ा कर दिया जाता है, जिससे खतरा और भी बढ़ जाता है।
प्रशासन मौके पर, जांच के आदेश
हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मौके का मुआयना किया। राहत व मरम्मत कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है। रेलवे ने प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि यह घटना मानवीय लापरवाही का परिणाम है या फिर तकनीकी खराबी के कारण हुई।