शासकों को दुरुपयोग का निमंत्रण देता है राजद्रोह कानून, विधि आयोग की रिपोर्ट को लेकर बोले चिदंबरम

Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Jun, 2023 02:40 PM

sedition law invites rulers be misused chidambaram law commission s report

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने विधि आयोग द्वारा राजद्रोह के अपराध संबंधी दंडात्मक प्रावधान का समर्थन किए जाने के बाद शनिवार को कहा कि यह देखकर दुख होता है कि कुछ न्यायाधीश और पूर्व न्यायाधीश वास्तविक दुनिया से कितने कटे हुए हैं।

नेशनल डेस्क: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने विधि आयोग द्वारा राजद्रोह के अपराध संबंधी दंडात्मक प्रावधान का समर्थन किए जाने के बाद शनिवार को कहा कि यह देखकर दुख होता है कि कुछ न्यायाधीश और पूर्व न्यायाधीश वास्तविक दुनिया से कितने कटे हुए हैं। उन्होंने यह दावा भी किया किया कि यह कानून शासकों को इसके दुरुपयोग का निमंत्रण देता है। पूर्व गृह मंत्री ने ट्वीट किया, "भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) की वैधानिकता की जांच-परख करने वाले विधि आयोग के सुझाव कुछ ऐसे हैं जैसे किसी चिकित्सक द्वारा सुझाया गया उपचार बीमारी से भी ज्यादा खतरनाक हो।"

उन्होंने कहा, "जब राजद्रोह के कानून को निरस्त करने की मांग हो रही है, ऐसे समय विधि आयोग ने सिफारिश की है कि सजा को तीन साल से बढ़ाकर सात साल किया जाए।" चिदंबरम ने दावा किया, "इस तरह का खतरनाक कानून शासकों को इस बात का निमंत्रण है कि वे इसका दुरुपयोग करें। यह बात कई बार साबित हो चुकी है।"

उन्होंने यह भी कहा, "यह देखकर दुख होता है कि कुछ न्यायाधीश और पूर्व न्यायाधीश इस तरह से वास्तविक दुनिया से कटे हुए हैं।" उल्लेखनीय है कि विधि आयोग ने राजद्रोह के अपराध संबंधी दंडात्मक प्रावधान का समर्थन करते हुए कहा है कि इसे पूरी तरह से निरस्त करने से देश की सुरक्षा और अखंडता पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के चलते भारतीय दंड संहिता की राजद्रोह संबंधी धारा 124ए फिलहाल स्थगित है।

पिछले साल 11 मई को एक ऐतिहासिक आदेश में शीर्ष अदालत ने राजद्रोह संबंधी औपनिवेशिक युग के दंडात्मक कानून पर तब तक के लिए रोक लगा दी थी जब तक कि ‘उचित' सरकारी मंच इसकी समीक्षा नहीं करता। इसने केंद्र और राज्यों को इस कानून के तहत कोई नयी प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने व्यवस्था दी थी कि देशभर में राजद्रोह कानून के तहत जारी जांच, लंबित मुकदमों और सभी कार्यवाही पर भी रोक रहेगी।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!