Advance Tip: ओला, उबर, रैपिडो को बड़ा झटका! अब एडवांस टिप मांगी तो पड़ सकता है भारी

Edited By Updated: 08 Jun, 2025 12:29 PM

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ओला, उबर और रैपिडो जैसे कैब एग्रीगेटर्स द्वारा सवारी बुक करते समय अक्सर एडवांस टिप का विकल्प दिखाने को लेकर अब उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। जानकारी के अनुसार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और यदि कंपनियां...

नेशनल डेस्क। ओला, उबर और रैपिडो जैसे कैब एग्रीगेटर्स द्वारा सवारी बुक करते समय अक्सर एडवांस टिप का विकल्प दिखाने को लेकर अब उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। जानकारी के अनुसार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और यदि कंपनियां दोषी पाई जाती हैं तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

CCPA ने भेजा था नोटिस, कंपनियों ने नहीं हटाया विकल्प

दरअसल ओला, उबर और रैपिडो जैसी कैब सेवाएँ यात्रा शुरू होने से पहले ही ग्राहकों से 'टिप' मांगने लगी थीं। इस पर संज्ञान लेते हुए CCPA ने 16 मई को ही तीनों कंपनियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। हालाँकि नोटिस के बावजूद कंपनियों ने एडवांस टिप का विकल्प हटाने से इनकार कर दिया था।

कैब एग्रीगेटर्स का दावा और CCPA की पड़ताल

इस पूरे मामले में कैब एग्रीगेटर्स का कहना है कि यह कोई अनुचित व्यापार प्रथा नहीं है। उनका तर्क है कि टिप का विकल्प वैकल्पिक है और ग्राहक चाहें तो टिप देने से मना कर सकते हैं।

 

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लेकिन CCPA इन दावों को गंभीरता से ले रही है और जांच कर रही है कि क्या यह उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं ग्राहकों पर कोई मानसिक दबाव तो नहीं डाला जा रहा है ताकि वे यात्रा शुरू होने से पहले ही टिप दे दें।

रिपोर्ट के मुताबिक अगर ये कंपनियां दोषी पाई जाती हैं तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा CCPA इन कंपनियों को एडवांस टिप फीचर को पूरी तरह से हटाने का निर्देश भी दे सकती है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया था अनैतिक और शोषणकारी

इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी इस सिस्टम को अनैतिक और शोषणकारी बताया था। उन्होंने कहा था कि तेज़ सेवा के लिए यात्रियों को एडवांस टिप देने के लिए मजबूर करना अनुचित व्यापार प्रथा के दायरे में आता है। जोशी ने ज़ोर देकर कहा कि सेवा के बाद दी जाने वाली टिप सराहना का प्रतीक हो सकती है लेकिन यह किसी का अधिकार नहीं बन सकती।

यह देखना होगा कि CCPA की जांच के बाद कैब एग्रीगेटर्स पर क्या कार्रवाई होती है और क्या ग्राहकों को यात्रा से पहले टिप देने के दबाव से मुक्ति मिल पाती है।

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