Swiggy-Zomato, Blinkit वाले हो जाएं सावधान, अब ऑर्डर करने पर होगा भारी नुकसान

Edited By Updated: 29 Dec, 2025 10:07 PM

those ordering from swiggy zomato or blinkit be warned

दोस्तों और परिवार के साथ घर पर नए साल का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे लोगों के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं है। अगर आप भी न्यू ईयर पार्टी का प्लान बनाकर यह सोच रहे थे कि 31 दिसंबर की रात घर बैठे ऑनलाइन फूड और ग्रोसरी डिलीवरी ऐप्स से सब मंगवा...

नेशनल डेस्क: दोस्तों और परिवार के साथ घर पर नए साल का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे लोगों के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं है। अगर आप भी न्यू ईयर पार्टी का प्लान बनाकर यह सोच रहे थे कि 31 दिसंबर की रात घर बैठे ऑनलाइन फूड और ग्रोसरी डिलीवरी ऐप्स से सब मंगवा लेंगे, तो जरा ठहरिए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Swiggy, Zomato, Blinkit, Zepto जैसे बड़े फूड और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की सर्विस न्यू ईयर की रात प्रभावित हो सकती है। वजह है- डिलीवरी वर्कर्स द्वारा घोषित अखिल भारतीय हड़ताल।

फीका पड़ सकता है नए साल का जश्न

जो लोग नए साल की पार्टी के लिए पूरी तरह ऑनलाइन डिलीवरी ऐप्स पर निर्भर हैं, उन्हें अब बैक-अप प्लान बनाना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन और इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स ने हड़ताल का आह्वान किया है। यूनियनों का कहना है कि त्योहारों और न्यू ईयर जैसे पीक सीजन में डिलीवरी वर्कर्स पर काम का भारी दबाव होता है, लेकिन इसके बावजूद उनकी कमाई लगातार घटती जा रही है। न तो काम का कोई तय समय है और न ही पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था।

देशव्यापी हड़ताल का ऐलान

इन यूनियनों के आह्वान पर 25 और 31 दिसंबर को देशभर में हड़ताल की घोषणा की गई है। वर्कर्स का आरोप है कि कंपनियां तो मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन डिलीवरी पार्टनर्स की आय उसी अनुपात में गिरती जा रही है। कई वर्कर्स रोज़ 12 से 14 घंटे तक सड़कों पर रहते हैं, फिर भी महीने के अंत में उनकी कमाई बेहद सीमित होती है। अस्थिर काम के घंटे, इंश्योरेंस की अनिश्चितता और सुरक्षा के बिना काम करना उनकी सबसे बड़ी चिंता बन चुका है।

10 मिनट डिलीवरी मॉडल पर क्यों भड़के वर्कर्स?

डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स के ‘10 मिनट डिलीवरी’ और ‘ब्लिंक डिलीवरी’ मॉडल को लेकर वर्कर्स में खासा गुस्सा है। उनका कहना है कि यह सिस्टम उन्हें तेज रफ्तार में बाइक चलाने के लिए मजबूर करता है। हर ऑर्डर एक रेस बन जाता है, जिसमें मुकाबला सिर्फ समय से नहीं, बल्कि अपनी जान से भी होता है। एल्गोरिदम आधारित टारगेट पूरे न होने पर वर्कर्स की आईडी अचानक ब्लॉक कर दी जाती है, जिससे उनकी रोज़ी-रोटी पर सीधा असर पड़ता है।


 

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