Edited By Seema Sharma,Updated: 20 Feb, 2023 10:45 AM

निर्वाचन आयोग (EC) ने उद्धव ठाकरे गुट को झटका देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पक्ष को 'असली शिवसेना' बताया। उद्धव ठाकरे गुट से उसके नाम और 'तीर-कमान' की पहचान भी छिन गई।
नेशनल डेस्क: निर्वाचन आयोग (EC) ने उद्धव ठाकरे गुट को झटका देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पक्ष को 'असली शिवसेना' बताया। उद्धव ठाकरे गुट से उसके नाम और 'तीर-कमान' की पहचान भी छिन गई। वहीं सोशल मीडिया पर भी इसका असर देखने को मिला। दरअसल ट्विटर पर उद्धव गुट ने जैसे ही अपनी पार्टी का नाम बदला, वैसे ही उसका ब्लू टिक यानि वेरिफिकेशन भी हट गया।
चुनाव आयोग के फैसले के बाद उद्धव गुट ने ट्विटर हैंडल बदलकर @ShivsenaUBT कर दिया था। इसी के चलते पार्टी का ब्लू टिक छिन गया। इसके अलावा YouTube पर भी ठाकरे गुट ने नाम बदल दिया है। ट्विटर पर पार्टी के आधिकारिक मीडिया हैंडल @ShivsenaComms का ब्लू टिक भी @ShivsenaUBTComm होने के बाद हट गया। पार्टी के एक पदाधिकारी के मुताबिक जनता के बीच कन्फ्यूजन न हो इसलिए नाम तुरंत बदला गया।
बता दें कि शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना पार्टी के नाम एवं निशान ‘तीर-धनुष' को ‘‘खरीदने'' के लिए अब तक ‘‘2000 करोड़ रुपए का सौदा'' हुआ है। हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े के विधायक सदा सर्वांकर ने इस दावे का खंडन किया और सवाल किया, ‘‘क्या संजय राउत खजांची हैं।'' राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि 2000 करोड़ रुपये का शुरुआती आंकड़ा है और यह बात शत-प्रतिशत सच्ची है।