इस्लाम में शराब पीना हराम! फिर भी इन मुस्लिम देशों में धड़ल्ले से पीते हैं लोग, सिर्फ टूरिस्ट और गैर-मुस्लिमों को...

Edited By Updated: 22 Nov, 2025 11:18 AM

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इस्लाम धर्म में शराब का सेवन हराम माना गया है। कुरान शरीफ में भी शराब न पीने का हुक्म दिया गया है क्योंकि इसे पीने के बाद इंसान अपनी सूझबूझ खो देता है। हालांकि दुनिया के मुस्लिम देशों में इस नियम को लेकर अलग-अलग रुख देखने को मिलता है। जबकि यमन और...

नेशनल डेस्क। इस्लाम धर्म में शराब का सेवन हराम माना गया है। कुरान शरीफ में भी शराब न पीने का हुक्म दिया गया है क्योंकि इसे पीने के बाद इंसान अपनी सूझबूझ खो देता है। हालांकि दुनिया के मुस्लिम देशों में इस नियम को लेकर अलग-अलग रुख देखने को मिलता है। जबकि यमन और सूडान जैसे कई देशों में शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध है वहीं कुछ ऐसे भी हैं जहां गैर-मुस्लिमों और पर्यटकों को सीमित छूट दी गई है।

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परमिट पर शराब की अनुमति वाले देश

सऊदी अरब और कुवैत जैसे कुछ मुस्लिम देशों में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है लेकिन यूएई, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों ने गैर-मुस्लिम निवासियों और पर्यटकों के लिए नियम शिथिल किए हैं:

देश नियम
यूएई (UAE) मुस्लिम नागरिकों के लिए हराम, लेकिन गैर-मुस्लिम निवासियों और पर्यटकों को लाइसेंस/परमिट के साथ होटल, बार और लाइसेंस प्राप्त स्थानों पर नियंत्रित तरीके से शराब पीने की अनुमति है। सार्वजनिक स्थानों पर नशे में दिखना प्रतिबंधित है।
पाकिस्तान मुस्लिम समुदाय को शराब बनाना, बेचना या पीना पूरी तरह प्रतिबंधित है। हालांकि गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को परमिट लेने की अनुमति है। ये परमिट अक्सर आर्थिक स्थिति के आधार पर जारी होते हैं जिसमें महीने में सीमित मात्रा (लगभग 5 बोतल शराब/100 बोतल बीयर) रखने की अनुमति होती है।
बांग्लादेश मुसलमानों के लिए कड़े नियम हैं। गैर-मुसलमान ही परमिट के साथ शराब खरीद सकते हैं जिसके लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष है।
मॉरिटानिया मुसलमानों के लिए शराब रखना, पीना, बेचना या बनाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। गैर-मुसलमानों को वैध परमिट वाले होटलों/रेस्तरां या निजी घरों में अनुमति है।
मिस्र शराब कानूनी है लेकिन रमजान के दौरान मुसलमानों के लिए बिक्री रोक दी जाती है। होटलों, बारों और अनुमोदित पर्यटन स्थलों पर उपलब्ध होती है। सार्वजनिक स्थानों पर या गाड़ी में शराब पीना गैरकानूनी है।

 

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सबसे ज़्यादा शराब की खपत वाले मुस्लिम देश

मध्य एशियाई मुस्लिम देशों में शराब की खपत अन्य मुस्लिम देशों की तुलना में काफी अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 2020 के आंकड़ों के अनुसार:

  • कजाखिस्तानयहां प्रति व्यक्ति शराब का सेवन सर्वाधिक होता है हालांकि इसमें कमी आई है (2010 में 9.3 लीटर से 2022 में 5.4 लीटर)।

  • किर्गिस्तान: किर्गिज लोग मुस्लिम होने के बावजूद बड़ी मात्रा में शराब पीने के लिए जाने जाते हैं। सर्दियों में सार्वजनिक रूप से नशे में दिखना आम है। यहां वोदका सबसे लोकप्रिय है जिसका होना लगभग हर उत्सव में अनिवार्य माना जाता है (2022 में 3.9 लीटर प्रति व्यक्ति)।

देश 2010 (लीटर) 2022 (लीटर)
कजाखिस्तान 9.3 5.4
किर्गिस्तान 10.2 3.9
तुर्कमेनिस्तान 6.0 3.0
उज़्बेकिस्तान 3.2 2.1
ताजिकिस्तान 2.4 0.7

 

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बांग्लादेश में शराब कारोबार में उछाल

बांग्लादेश में सख्त नियम होने के बावजूद देश की एकमात्र शराब बनाने वाली कंपनी केरू ने 2024-25 में अपनी स्थापना के बाद से सबसे बड़ा मुनाफा (लगभग 84 करोड़ रुपये) कमाया है।

  • उपभोक्ता: यह बिक्री मुख्य रूप से देश में काम करने वाले विदेशी नागरिकों और चाय बागानों में काम करने वाले लगभग डेढ़ लाख हिंदू मजदूरों के कारण बढ़ी है। बांग्लादेश की आबादी का लगभग 10% गैर-मुस्लिम समुदाय इसका प्रमुख उपभोक्ता है।

  • लोकप्रिय ब्रांड: कंपनी के लोकप्रिय ब्रांडों में इम्पीरियल व्हिस्की और त्सारीना वोडका शामिल हैं।

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