Edited By Shubham Anand,Updated: 24 Dec, 2025 05:56 PM
भारतीय राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने दावा किया है कि केंद्र सरकार नोटों से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने पर विचार कर रही है। हालांकि, RBI ने पहले भी स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई योजना नहीं है। नोटों पर गांधीजी की तस्वीर 1969 से है और उन्हें भारतीय...
नेशनल डेस्क : मनरेगा का नाम बदलने को लेकर उठे विवाद अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुए थे कि अब एक और मुद्दा चर्चा में आ गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने दावा किया है कि केंद्र सरकार भारतीय नोटों से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शुरुआती स्तर पर योजना तैयार की जा चुकी है और गांधी की जगह देश की विरासत से जुड़े अन्य प्रतीकों को शामिल करने पर विचार-विमर्श चल रहा है।
जॉन ब्रिटास ने कहा कि भले ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) इस तरह की किसी भी पहल से बार-बार इनकार करता रहा हो, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है। उनके अनुसार, आधिकारिक बयानों के बावजूद उच्च स्तर पर इस मुद्दे पर चर्चा का पहला दौर पहले ही पूरा हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल अफवाह या अनुमान नहीं हैं। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बहस फिर से तेज हो गई है और सरकार की मंशा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
पहले भी उठती रही है नोट से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने की मांग?
नोटों पर लक्ष्मी-गणेश, डॉ. अंबेडकर, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और सरदार पटेल की तस्वीर छापने की मांग कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी यह मुद्दा समय-समय पर उठता रहा है। आप नेता अरविंद केजरीवाल ने करीब तीन साल पहले और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पांच साल पहले यह सुझाव दिया था कि नोटों पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की तस्वीर होनी चाहिए। उनका तर्क था कि लक्ष्मी धन की देवी हैं और उनकी तस्वीर से आर्थिक समृद्धि का प्रतीक मजबूत होगा। इससे स्पष्ट होता है कि इस तरह की मांगें अलग-अलग राजनीतिक दलों और नेताओं द्वारा समय-समय पर उठती रही हैं।
महात्मा गांधी की तस्वीर को लेकर क्यों उठते रहते हैं सवाल?
भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर को लेकर लंबे समय से बहस चलती रही है। कुछ लोग मानते हैं कि अब नोटों पर गांधीजी की तस्वीर हटाई जानी चाहिए, जबकि कुछ का कहना है कि गांधीजी रहें, लेकिन अलग-अलग नोटों पर अन्य महापुरुषों की तस्वीरें भी होनी चाहिए। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने पहले नोटों पर गांधीजी की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छापने की मांग की थी। उनका तर्क था कि नेताजी का योगदान भी उतना ही महत्वपूर्ण है और उन्हें भी उतना ही सम्मान मिलना चाहिए।
क्या गांधीजी की जगह किसी और की तस्वीर छप सकती है?
इस सवाल का जवाब पूरी तरह से “न” है। मौजूदा व्यवस्था में ऐसा लगभग असंभव है। आजादी के बाद लंबे समय तक नोटों पर गांधीजी की तस्वीर नहीं थी। उस समय नोटों पर अशोक स्तंभ जैसे राष्ट्रीय प्रतीक छापे जाते थे। बाद में जब तस्वीर लगाने का फैसला लिया गया, तो गांधीजी को इसलिए चुना गया क्योंकि उनकी स्वीकार्यता पूरे देश में थी। यह माना गया कि अगर गांधीजी की जगह किसी और महापुरुष की तस्वीर छापी जाती, तो विवाद हो सकता था। गांधीजी को ऐसे नेता के रूप में देखा गया जो पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, न कि किसी एक वर्ग या विचारधारा का।
RBI की समिति ने क्या फैसला लिया था?
नोटों पर तस्वीर बदलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने एक समिति बनाई थी। नवंबर 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में इस समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया था। समिति ने स्पष्ट किया था कि महात्मा गांधी से बेहतर कोई व्यक्ति भारत के चरित्र और मूल्यों का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता। इसी कारण गांधीजी की तस्वीर को बनाए रखने का निर्णय लिया गया।
कुछ साल पहले भी यह खबरें सामने आई थीं कि नोटों से गांधी की तस्वीर हटाई जा सकती है। इसने लोगों में भ्रम पैदा कर दिया था। इसके बाद RBI ने आधिकारिक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि ऐसा कोई प्रस्ताव उनके पास नहीं है और गांधीजी की तस्वीर हटाने की कोई योजना नहीं है।
भारत में नोटों का इतिहास
भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली थी, लेकिन गणराज्य 26 जनवरी 1950 को हुआ। तब तक देश में रिजर्व बैंक पहले से जारी नोट ही जारी कर रहा था। RBI की वेबसाइट के अनुसार सरकार ने 1949 में पहली बार 1 रुपए के नोट का डिजाइन तैयार किया, जिसमें ब्रिटेन के महाराजा की तस्वीर थी। उस समय यह तय हुआ कि नोट पर गांधीजी की तस्वीर छापी जाएगी, लेकिन बाद में अशोक स्तंभ की तस्वीर छापी गई। 1950 में 2, 5, 10 और 100 रुपए के नोट जारी किए गए, जिनमें अशोक स्तंभ की तस्वीर थी। 1954 में 1000, 2000 और 10,000 रुपये के नोट छापे गए, जिन्हें 1978 में बंद कर दिया गया।
1969 में पहली बार नोट पर गांधी की तस्वीर
1969 में गांधीजी के 100वें जन्मदिन पर पहली बार नोट पर उनकी तस्वीर छापी गई। इसमें गांधीजी बैठे हुए दिखाए गए और पीछे सेवाग्राम आश्रम की तस्वीर थी। 1972 में 20 रुपये और 1975 में 50 रुपये के नोट जारी किए गए। 1980 में नई श्रृंखला में 1 रुपए के नोट पर कुंआ, 2 रुपए पर आर्यभट्ट का उपग्रह, 5 रुपए पर ट्रैक्टर, 10 रुपए पर कोणार्क मंदिर, मोर और शालीमार गार्डन की तस्वीरें छापी गईं।
1996 में नई सीरीज के नोट
1996 में RBI ने ‘महात्मा गांधी सीरीज’ जारी की, जिसमें नेत्रहीनों के लिए विशेष सुरक्षा फीचर भी शामिल किए गए। इन सभी नोटों में गांधीजी की तस्वीर थी और वाटरमार्क में भी गांधीजी की तस्वीर ही थी। 9 अक्टूबर 2000 को 1000 रुपए का नया नोट जारी किया गया, लेकिन 8 नवंबर 2016 को इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया। इसके बाद 2000 रुपए के नोट जारी किए गए, जिनमें महात्मा गांधी की तस्वीर जारी रही।