Maternity leave: महिलाओं को मिल सकता है 9 महीने का मैटरनिटी लीव, नीति आयोग ने दी सलाह

Edited By Seema Sharma,Updated: 16 May, 2023 11:36 AM

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नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य पी के पॉल ने कहा कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को महिला कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश (maternity leave) की अवधि 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने करने पर विचार करना चाहिए।

नेशनल डेस्क: नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य पी के पॉल ने कहा कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को महिला कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश (maternity leave) की अवधि 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने करने पर विचार करना चाहिए। मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक, 2016 (The Maternity Benefit (Amendment) Bill, 2016) को 2017 में संसद में पारित किया गया था, जिसके तहत पहले 12 सप्ताह के वैतनिक मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया था। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry) (FICCI) के महिला संगठन FLO ने एक बयान जारी कर पॉल के हवाले से कहा, ‘‘निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों को मातृत्व अवकाश को मौजूदा 6 महीने से बढ़ाकर नौ महीने करने को लेकर साथ बैठकर विचार करना चाहिए।''

 

बयान के अनुसार, पॉल ने कहा कि निजी क्षेत्र को बच्चों की बेहतर परवरिश सुनिश्चित करने के लिए और अधिक क्रेच (crèche) खोलने चाहिए तथा उनकी एवं जरूरतमंद बुजुर्गों की समग्र देखभाल की व्यवस्था तैयार करने के आवश्यक कार्य में नीति आयोग की मदद करनी चाहिए। पॉल ने कहा कि देखभाल के लिए भविष्य में लाखों कर्मचारियों की आवश्यकता होगी, इसलिए व्यवस्थित प्रशिक्षण व्यवस्था विकसित करने की आवश्यकता है।

 

FLO अध्यक्ष सुधा शिवकुमार ने कहा कि वैश्विक स्तर पर देखभाल की अर्थव्यवस्था एक अहम क्षेत्र है, जिसमें देखभाल करने एवं घरेलू कार्य करने वाले वैतनिक और अवैतनिक श्रमिक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आर्थिक विकास, लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि देखभाल का काम आर्थिक रूप से मूल्यवान है, लेकिन वैश्विक स्तर पर इसे कम आंका गया है। शिवकुमार ने कहा कि भारत में बड़ी खामी है कि हमारे पास देखभाल अर्थव्यवस्था से जुड़े श्रमिकों की ठीक से पहचान करने की कोई प्रणाली नहीं है और अन्य देशों की तुलना में देखभाल अर्थव्यवस्था पर भारत का सार्वजनिक खर्च बहुत कम है।

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