रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, FY22 में 10.5% GDP ग्रोथ का अनुमान: RBI

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Feb, 2021 10:55 AM

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज समाप्त हो गई है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समिति द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा कर रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज समाप्त हो गई है। आरबीआई ने रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार रखा है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बात की जानकारी दी। इस पर आज 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होगी। छह सदस्यों वाली MPC की बैठक बुधवार 3 फरवरी से शुरू हुई थी। जानकारों ने पहले ही उम्मीद जताई थी कि RBI रेपो रेट में कटौती से बचेगा। रेपो रेट का अर्थ RBI द्वारा बैंकों को दिए जाने लोन पर ब्याज दर है। खास बात यह है कि एक फरवरी को पेश बजट 2021-22 के बाद RBI की यह पहली बैठक है। रिजर्व बैंक ने पिछले साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में कुल 115 बेसिस पॉइंट की कटौती की है।

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MPC ने पिछली 3 बार के बैठकों में प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। मौजूदा समय में रेपो रेट 4% है, जो 15 साल के न्यूनतम स्तर पर है। वहीं, RBI ने रिवर्स रेपो रेट भी 3.35% पर बरकरार रखा है। इसी दर पर बैंक अपने पास जमा धनराशि को रिजर्व बैंक के पास जमा कराते हैं।

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प्रमुख बातें

  • आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति के सदस्यों का आभार प्रकट किया।
  • आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह 4 फीसदी पर बरकरार है। MPC ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है यानी ग्राहकों को EMI या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है।
  • दास ने आगे कहा कि रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।
  • इसके साथ ही बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है, यह 4.25 फीसदी पर है।
  • मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी (MSF) रेट भी 4.25 फीसदी पर है।
  • इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक रुख को 'उदार' बनाए रखा है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष 2021-22 में देश की GDP में 10.5 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया है। बजट में यह 11 फीसदी होने का अनुमान लगाया गया था।
  • उन्होंने बताया कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत हैं। ग्रोथ से जुड़े परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस समय वृद्धि को बढ़ावा देने को जारी रखने की जरूरत है।
  • शक्तिकांत दास ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में महंगाई दर 5.2 फीसदी तक रह सकती है। 
  • वित्त वर्ष 2021-22 में खुदरा महंगाई दर से जुड़े पूर्व के 5.8 फीसदी के अनुमान को संशोधित कर 5.2 फीसदी से 5 फीसदी किया गया है।
  • गवर्नर ने इस बात पर संतोष जताया कि महंगाई दर 6 फीसदी के टॉलरेंस लेवल के नीचे है। 
  • दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में कैपिसिटी यूटिलाइजेशन पहली तिमाही की तुलना में सुधार के साथ 63.3 फीसदी पर रही। पहली तिमाही में यह आंकड़ा 47.3 फीसदी था। 
  • पिछले कुछ महीनों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) निवेश में बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह घरेलू अर्थव्यवस्था में फिर से मजबूत हो रहे विश्वास को दिखाता है।
  • बजट में हेल्थ और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया है: शक्तिकांत दास
  • शक्तिकांत दास ने कहा कि टीएलटीआरओ के जरिए बैंकों से एनबीएफसी के लिए फंड उपलब्ध होगा।
  • आरबीआई गवर्नर ने कहा- खुदरा डायरेक्ट प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जाएगा, जिससे खुदरा निवेशकों को G-Sec बाजार में सीधा एक्सेस मिलेगा। प्राइमरी अर्बन सहकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए एक्सपर्ट पैनल का गठन किया जाएगा
  • डिजिटल पेमेंट सिस्टम के आउटसोर्सिंग के लिए RBI दिशानिर्देश जारी करेगा।
  • दास ने कहा, 'हमारा दृढ़ विश्वास है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई वित्त वर्ष 2021-22 में हो जाएगी।'
  • केंद्रीय बैंक ने तीन मौजूदा ओम्बड्समैन स्कीम को आपस में जोड़ने और एक सेंट्रलाइज्ड स्कीम बनाने का फैसला किया है। इसे जून 2021 में शुरू किया जाएगा। 

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