बैंकिंग सेक्टर की सबसे बड़ी डील! जापानी निवेश से बदली किस्मत, इस बैंक का शेयर बना रॉकेट

Edited By Updated: 12 May, 2025 10:59 AM

the biggest deal in the banking sector japanese investment changed the fortunes

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की ऐतिहासिक खबर के बीच भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक और बड़ा धमाका हुआ है। जापान के सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) ने यस बैंक में ₹13,483 करोड़ का निवेश कर 20% हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया है। इस रणनीतिक...

बिजनेस डेस्कः भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की ऐतिहासिक खबर के बीच भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक और बड़ा धमाका हुआ है। जापान के सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) ने यस बैंक में ₹13,483 करोड़ का निवेश कर 20% हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया है। इस रणनीतिक डील की खबर से शेयर बाजार में जबरदस्त जोश देखा गया और यस बैंक का शेयर खुलते ही रॉकेट की तरह 8.7% उछल गया। यह डील न सिर्फ यस बैंक के लिए एक नई शुरुआत है, बल्कि भारत-जापान के आर्थिक संबंधों में भी मील का पत्थर मानी जा रही है।

₹13,483 करोड़ की डील, SMBC को मिलेगा बोर्ड में प्रतिनिधित्व

इस रणनीतिक निवेश सौदे के तहत SMBC कुल ₹13,483 करोड़ निवेश करेगा, जिससे यस बैंक की वैल्यू ₹67,411 करोड़ आंकी गई है। SMBC यस बैंक के शेयर ₹21.5 प्रति शेयर के भाव से खरीदेगा, जिससे उसे भविष्य में बैंक के संचालन पर अधिक नियंत्रण मिल सकता है। डील के तहत SMBC को बैंक के बोर्ड में दो निदेशक नियुक्त करने का अधिकार मिलेगा।

SBI और अन्य बड़े बैंक हिस्सेदारी करेंगे ट्रांसफर

इस डील का बड़ा हिस्सा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से आएगा, जो अपनी 24% हिस्सेदारी में से 13.19% हिस्सेदारी ₹8,889 करोड़ में बेचेगा। वहीं HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा, एक्सिस, IDFC फर्स्ट, फेडरल बैंक और बंधन बैंक मिलकर अपनी 6.81% हिस्सेदारी ₹4,594 करोड़ में SMBC को बेचेंगे।

SBI और यस बैंक के बोर्ड ने इस सौदे को शुक्रवार को मंजूरी दी थी, जिसके बाद शुक्रवार को भी यस बैंक के शेयर 10% चढ़कर ₹20 पर बंद हुए थे।

यस बैंक की वापसी की कहानी

RBI ने मार्च 2020 में यस बैंक को संकट से उबारने के लिए एक पुनर्गठन योजना लागू की थी, जिसमें SBI और अन्य बैंकों ने ₹10 प्रति शेयर की दर से हिस्सेदारी खरीदी थी। अब वही बैंकों ने अपनी आंशिक हिस्सेदारी मुनाफे के साथ बेचने का फैसला किया है।

Advent International और Carlyle Group जैसे प्राइवेट इक्विटी निवेशकों ने हालांकि अभी अपनी हिस्सेदारी बरकरार रखने का फैसला किया है।

SMBC अधिकारियों का कहना है कि भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र की मजबूती उनके लिए इस निवेश का बड़ा कारण है। यह डील न केवल यस बैंक के लिए बल्कि भारत-जापान आर्थिक सहयोग के लिहाज से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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