गेहूं के उत्पादन पर मंडराया खतरा, बढ़ते तापमान के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए बनी समिति

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Feb, 2023 12:50 PM

threat looms over wheat production committee formed to study

भारत ने गेहूं की फसल पर बढ़ते तापमान के प्रभाव का आकलन करने के लिए अधिकारियों का एक पैनल गठित किया है। सरकारी अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है।

बिजनेस डेस्कः भारत ने गेहूं की फसल पर बढ़ते तापमान के प्रभाव का आकलन करने के लिए अधिकारियों का एक पैनल गठित किया है। सरकारी अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है।

दुनिया की दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश ने इस महीने की शुरुआत में कहा है उसका उत्पादन इस वर्ष 4.1 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 112.2 करोड़ टन होने की संभावना है। इस बीच सर्दियों में बारिश की कमी ने भारत के उत्तरी राज्यों के कुछ हिस्सों में तापमान बढ़ा दिया है, जहां किसान गेहूं उगाते हैं। मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार पिछले हफ्ते दैनिक औसत तापमान मार्च के मध्य के स्तर तक पहुंच गया था। भारत गेहूं का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश भी है। भारत ने मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि तापमान में तेज और अचानक वृद्धि से उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई थी। यहां तक कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक कमी को पूरा करने के लिए निर्यात मांग में तेजी आई थी।

आधिकारिक नियमों के अनुरूप नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, "सरकार ने उच्च तापमान के प्रभाव की निगरानी के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया है, लेकिन मौजूदा फसल की स्थिति अच्छी लग रही है। भारत के कृषि आयुक्त समिति के प्रमुख होंगे और देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के अधिकारी और सरकारी वैज्ञानिक भी पैनल में रहेंगे। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि बीते सप्ताह कुछ राज्यों में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से 9 डिग्री सेल्सियस तक अधिक है।

विभाग ने कहा कि अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से 5 से 7 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है। दिन के इस उच्च तापमान से प्रजनन वृद्धि अवधि के करीब आने वाले गेहूं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है ये तापमान वृद्धि के प्रति संवेदनशील होते हैं। आईएमडी के अनुसार गेहूं के पौधे में फूल लगने के दौरान और परिपक्व अवधि के दौरान उच्च तापमान से उपज में कमी आने की आशंका रहती है। देश एक वर्ष में केवल एक गेहूं की फसल उगाई जाती है। यहां अक्टूबर और नवंबर में रोपण और मार्च से कटाई की जाती है।

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