Chaitra Navratri 2023: आज से चैत्र नवरात्रि आरंभ, ये है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Mar, 2023 09:34 AM

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सनातन धर्म का अनुसरण करने वाले माता को समर्पित 9 दिन, जिन्हें नवरात्र पर्व के रूप में मनाया जाता है का खास महत्व होता है। मां दुर्गा को धन, सुख, ज्ञान और समृद्धि की देवी माना जाता है। प्रत्येक दिन

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Chaitra navratri 2023 kalash sthapana muhurat: सनातन धर्म का अनुसरण करने वाले माता को समर्पित 9 दिन, जिन्हें नवरात्र पर्व के रूप में मनाया जाता है का खास महत्व होता है। मां दुर्गा को धन, सुख, ज्ञान और समृद्धि की देवी माना जाता है। प्रत्येक दिन माता के एक विशेष रूप को समर्पित होता है और इन नौ के नौ दिनों में माता के अलग-अलग स्वरूपों की विभिन्न प्रकार से पूजा करके प्रसन्न किया जाता है। वैसे तो साल में चार बार नवरात्रि आते हैं परन्तु शारदीय एवं चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व होता है। जो भक्त भी माता को इन 9 दिनों में प्रसन्न करते हैं, उन पर देवी की कृपा का प्रभाव पूरा वर्ष बना रहता है।

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 Chaitra Navratri 2023 Kalash Sthapna Date and Shubh Muhurt :
चैत्र नवरात्रि जो कि चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरम्भ हो जाते हैं। इस वर्ष यह त्यौहार 22 मार्च 2023 दिन बुधवार यानी आज से आरम्भ हो रहा है और 30 मार्च 2023 को गुरुवार के दिन इनका समापन होगा। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना का मुहूर्त इस प्रकार है- सुबह 6 बजकर 45 मिनट से 7 बजकर 31 मिनट तक। अवधि 46 मिनट तक की ही रहेगी। प्रतिपदा तिथि आरम्भ 22 अप्रैल 2023 को सूर्योदय से लेकर समापन रात्रिकाल 8 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।

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Chaitra navratri 2023 puja vidhi कलश स्थापना एवं पूजा की विधि- नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, उससे पहले मंदिर की सफाई अच्छे से कर लेनी चाहिए। सबसे पहले लाल कपड़ा बिछा कर आसन प्रदान किया जाता है। फिर कपड़े पर थोड़े से चावल रखें, इस पर पानी से भरा कलश रखें। इस कलश में कुछ मात्रा में चावल, सुपारी, अशोक या आम के पत्ते रखें और कलश के मुंह पर एक पानी वाला नारियल को मौली बांध कर दक्षिणा सहित रखें। नारियल को रखते समय मां दुर्गा का आवाहन करें। इसके बाद मिट्टी के बर्तन में जौ बोएं एवं इसे दुर्गा माता के सामने रख दें। देसी घी की जोत जलाकर माता की पूजा-आराधना करें।

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मां दुर्गा की पूजा-आराधना में प्रयोग की जाने वाली सामग्री इस प्रकार है- आम के पत्ते, चावल, गंगा जल, लाल मोली, चंदन, पानी वाला नारियल, कपूर, जौं, लौंग, हरी इलायची, 5 पान के पत्ते, सुपारी, मिट्टी का बर्तन, फूल, माता का श्रृंगार, चौंकी, आसन, कमलगट्टा। इस सभी वस्तुओं का प्रयोग एवं अर्पण करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।

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Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

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