Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Sep, 2023 07:52 AM

आचार्य चाणक्य की गिनती विश्व के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए अनेक लोग उनके द्वारा बताई गईं बातों का पालन
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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की गिनती विश्व के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए अनेक लोग उनके द्वारा बताई गईं बातों का पालन करते हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में हर तरह की परेशानियों से निकलने का हल बताया है, चाहे फिर वो सामाजिक हो या फिर भावनात्मक। आचार्य ने जीवन के तजुर्बे से सीख कर बहुत सी नीतियों का निर्माण किया है। तो चलिए जानते हैं कौन सी हैं वो महत्वपूर्ण बातें जो हर व्यक्ति को अवश्य पता होनी चाहिए।
अहिंसा ही धर्म
अहिंसा लक्षणो धर्म:।
अर्थ: अहिंसा धर्म का लक्षण है।

भावार्थ : अहिंसा द्वारा जीवों की रक्षा होती है। जो धर्म जीवों की रक्षा के लिए बना है, वही धर्म है। आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवों की रक्षा ही व्यक्ति का सबसे बड़ा धर्म है। जो व्यक्ति इस रास्ते पर चलता है भगवान भी उससे हमेशा प्रसन्न रहते हैं। वहीं जो लोग हिंसा का मार्ग अपनाते हैं, उनके द्वारा किए गए हर पुण्य नष्ट हो जाते हैं। जहां हिंसा होती है वहां धर्म भी अधर्म में परिवर्तित हो जाता है और भगवान भी उनसे मुंह मोड़ लेते हैं। महाभारत के समय भी श्री कृष्ण ने युद्ध को रोकने का बहुत प्रयत्न किया था। जिस वजह से उनकी बात न मानने का अंजाम कौरवों को भुगतना पड़ा।
क्षणभंगुर है संसार
सर्वमनित्यं भवति।
अर्थ: संसार की प्रत्येक वस्तु नाशवान है।

भावार्थ : यह संसार क्षणभंगुर और नाशवान है। क्षणभंगुर का अर्थ है शीघ्र नष्ट होने वाला। आचार्य चाणक्य के अनुसार संसार की प्रत्येक वस्तु क्षणभंगुर है जिससे हमे ज्यादा मोह नहीं करना चाहिए। जो व्यक्ति संसार की वस्तुओं से खुशी की अपेक्षा करता है वो अपने लिए दुःख के रास्ते खुद चुनता है। वहीं जो इस सच को जान लेता है वो हमेशा खुश रहता है और वही सर्वज्ञ हैं।
