Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Mar, 2023 02:24 PM

साधु-संतों का मानना है की जो काम तोप नहीं कर सकती वो काम मंत्र जाप से संभव है। तभी तो देव या इष्ट सिद्धि के लिए मंत्र जप का विशेष महत्व है। मंत्र जप न
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Mantra Jaap Benefits: साधु-संतों का मानना है की जो काम तोप नहीं कर सकती वो काम मंत्र जाप से संभव है। तभी तो देव या इष्ट सिद्धि के लिए मंत्र जप का विशेष महत्व है। मंत्र जप न केवल कामनापूर्ति का श्रेष्ठ साधन है, बल्कि यह दैवीय व आध्यात्मिक शक्तियों द्वारा मन व शरीर को ऊर्जावान, एकाग्र व संयमशील भी बनाता है। इसका लाभ चरित्र, स्वभाव और व्यवहार में अनुशासन व अच्छे बदलावों के रूप में मिलता है। बहरहाल, मंत्र जप की सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति के नजरिए से बात करें तो शास्त्रों में अलग-अलग आठ दिशाओं में मुख कर देव विशेष के मंत्र जप से विशेष फल मिलने के बारे में बताया गया है।
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Mantra Jaap ki disha: कामनाओं के अलावा खासतौर पर धन कामना पूरी करने के लिए भी खास दिशा में मुख कर मंत्र जप का महत्व बताया गया है। सामान्य तौर पर उत्तर या पूर्व दिशा में मुख रखना किसी भी मंत्र जप के लिए शुभ है।
पूर्व दिशा की ओर मुख कर मंत्र जप से वशीकरण सिद्ध होता है।
पश्चिम दिशा की ओर मुख कर मंत्र जप धन, वैभव व ऐश्वर्य कामना को पूरी करता है।
उत्तर दिशा की ओर मुख कर मंत्र जप से सुख शांति मिलती है।
दक्षिण दिशा में मुख कर मंत्र जप मारण सिद्धि देता है।
उत्तर-पश्चिम यानी वायव्य दिशा की ओर मुख कर जप शत्रु व विरोधियों का नाश करता है।
उत्तर-पूर्व यानी ईशान दिशा में मुख कर मंत्र जप से ज्ञान मिलता है।
दक्षिण-पूर्व यानी आग्नेय दिशा में मुख कर मंत्र जप आकर्षण व सौंदर्य कामना व दक्षिण-पश्चिम यानी नैऋत्य दिशा में मुख कर मंत्र जप पवित्र विचार व दर्शन की कामना पूरी करता है।
