Dev Uthani Ekadashi and Tulsi Vivah Muhurat: ये है देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त व उपाय

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Nov, 2023 08:29 AM

dev uthani ekadashi and tulsi vivah muhurat

देवउठनी एकादशी का हिंदू धर्म में खास महत्व है। इस दिन देवता जागृत होते हैं और इस दिन से चातुर्मास का समापन होकर शुभ मुहूर्त काल का आरंभ माना जाता है।

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Dev Uthani Ekadashi: देवउठनी एकादशी का हिंदू धर्म में खास महत्व है। इस दिन देवता जागृत होते हैं और इस दिन से चातुर्मास का समापन होकर शुभ मुहूर्त काल का आरंभ माना जाता है। इस साल देवउठान एकादशी 23 नवंबर को मनाई जाएगी और उसके अगले दिन तुलसी विवाह होगा। देवउठनी एकादशी को एक अबूझ मुहूर्त माना जाता है और इस दिन से शादी, ब्‍याह और सभी शुभ कार्य आरंभ हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन से सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु और समस्त देवता 4 महीने की योग निद्रा से जागते हैं और अपना-अपना कार्यभार ग्रहण कर लेते हैं। देवताओं के जागने के बाद ही सभी शुभ कार्य किए जाते हैं। आइए जानते हैं, देवउठान एकादशी का शुभ मुहूर्त और महत्‍व।

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Dev Uthani Ekadashi and Tulsi Vivah Muhurat: ये है देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त व उपाय

Date and auspicious time of Dev Uthani Ekadashi देवउठनी एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त
देवउठनी एकादशी की तिथि का आरंभ 22 नवंबर को रात में 11 बजकर 3 मिनट पर होगा और समापन 23 नवंबर को रात में 9 बजकर 1 पर मिनट पर होगा। इस प्रकार देवउठनी एकादशी का व्रत 23 नवंबर को गुरुवार को रखा जाएगा। व्रत का पारण 24 नवंबर को सुबह 6 बजे से 8 बजकर 13 मिनट तक करना शुभ होगा।

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Importance of Dev Uthani Ekadashi देवउठनी एकादशी का महत्व
देवउठनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु 4 महीने की योग निद्रा से बाहर आ जाते हैं और उसके बाद वे सृष्टि का कार्य देखने का अपना काम आरंभ कर देते हैं। इस दिन से भगवान विष्णु पाताल लोक छोड़कर वापस बैकुंठ धाम आ जाते हैं। चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी के दिन से देवउठनी एकादशी तक पाताल में वास करते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन से आरंभ होकर विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।

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Importance of Tulsi Puja on Dev Uthani Ekadashi देवउठनी एकादशी पर तुलसी पूजा का महत्व
देवउठनी एकादशी पर तुलसी माता की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन तुलसी के चारों ओर आटे और हल्दी से स्तंभ बनाकर उनकी पूजा की जाती है और उनकी परिक्रमा की जाती है। इस दिन तुलसी के साथ आंवले का गमला भी लगाना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन शंख, चक्र और गाय के पैर बनाकर उनकी पूजा की जाती है।

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Auspicious time for Tulsi vivah तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त 24 नवंबर 2023, शुक्रवार की सुबह 11:43 मिनट से लेकर दोपहर 12:26 मिनट तक होगा
विजय मुहूर्त 24 नवंबर 2023, शुक्रवार की दोपहर 1: 54 मिनट से दोपहर 2 :38 मिनट तक होगा
दोनों शुभ मुहूर्त में भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह रचाना बहुत शुभ फल देगा

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Dev Uthani Ekadashi puja method देवउठनी एकादशी पूजा विधि
देवउठनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान विष्णु जी की पूजा करते हुए व्रत का संकल्प लें।  
श्री हरि विष्णु की प्रतिमा के समक्ष उनके जागने का आह्वान करें।  
सायं काल में  पूजा स्थल पर घी के 11 दीये देवी-देवताओं के समक्ष जलाएं।
यदि संभव हो पाए तो गन्ने का मंडप बनाकर बीच में विष्णु जी की मूर्ति रखें।
भगवान हरि को गन्ना, सिंघाड़ा, लड्डू, जैसे मौसमी फल अर्पित करें।
एकादशी की रात एक घी का दीपक जलाएं।
अगले दिन हरि वासर समाप्त होने के बाद ही व्रत का पारण करें।

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Remedy for Dev Uthani puja देवउठनी पूजा का अचूक उपाय
देवउठनी एकादशी वाले दिन व्यक्ति को भगवान श्री विष्णु के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए और उसके बाद पूरे घर-आंगन, छत और मुख्य द्वार पर दीया जरूर रखना चाहिए।

हिंदू मान्यता है कि देवोत्थान एकादशी के दिन घर में देसी घी का दीपक जलाने से घर में हमेशा सुख-शांति और सौभाग्य बना रहता है।

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