Edited By Jyoti,Updated: 08 Dec, 2019 03:16 PM
जैसे कि सब जानते हैं कि आज गीता जयंती का पर्व है। अपनी वेबसाइट के जरिए हम आपको इससे जुड़ी लगभग जानकारी दे चुके हैं।
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जैसे कि सब जानते हैं कि आज गीता जयंती का पर्व है। अपनी वेबसाइट के जरिए हम आपको इससे जुड़ी लगभग जानकारी दे चुके हैं। इसी कड़ी को जोड़ते हुए हम आपके लेकर आएं श्रीमद्भागवत गीता में बताए गए 700 श्लोकों में से 9 ऐसे श्लोक जिसे पढ़ने या केवल सुनने मात्र से किसी भी इंसान का भाग्य बदल सकता है। जी हां, तो अगर आप भी अपना भाग्य चमकाना चाहते हैं तो आज इन श्लोक का पाठ करना न भूलें। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इन श्लोक का मंत्र के तौर पर भी जाप किया जाता है परंतु इस बात का ध्यान रखें कि इन्हें पढ़ते समय इसके अर्थों को समझें। क्योंकि बिना अर्थ समझें इन श्लोक का पाठ करना व्यर्थ माना जाता है। यहां जानें श्रीमद्भागत गीता के 9 सबसे प्रभावशाली श्लोकों के बारे में-
श्लोक- 1
योगस्थ: कुरु कर्माणि संग त्यक्तवा धनंजय।
सिद्धय-सिद्धयो: समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते।।
श्लोक- 2
नास्ति बुद्धिरयुक्तस्य न चायुक्तस्य भावना।
न चाभावयत: शांतिरशांतस्य कुत: सुखम्।।
श्लोक- 3
विहाय कामान् य: कर्वान्पुमांश्चरति निस्पृह:।
निर्ममो निरहंकार स शांतिमधिगच्छति।।
श्लोक- 4
न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्।
कार्यते ह्यश: कर्म सर्व प्रकृतिजैर्गुणै:।।
श्लोक- 5
नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो ह्यकर्मण:।
शरीरयात्रापि च ते न प्रसिद्धयेदकर्मण:।।
श्लोक- 6
यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन:।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते।।
श्लोक- 7
न बुद्धिभेदं जनयेदज्ञानां कर्म संगिनाम्।
जोषयेत्सर्वकर्माणि विद्वान्युक्त: समाचरन्।।
श्लोक- 8
ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्।
मम वत्र्मानुवर्तन्ते मनुष्या पार्थ सर्वश:।।
श्लोक- 9
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतु र्भूर्मा ते संगोस्त्वकर्मणि ।।