Edited By Sarita Thapa,Updated: 28 Apr, 2025 01:38 PM

Motivational Story: राजा विक्रमादित्य ने एक बार ऐलान कराया कि कल सुबह जब मेरे महल का मुख्य दरवाजा खोला जाएगा, तब जो व्यक्ति महल में जिस भी चीज को हाथ लगा देगा, वह उसकी हो जाएगी।
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Raja Vikramaditya story: राजा विक्रमादित्य ने एक बार ऐलान कराया कि कल सुबह जब मेरे महल का मुख्य दरवाजा खोला जाएगा, तब जो व्यक्ति महल में जिस भी चीज को हाथ लगा देगा, वह उसकी हो जाएगी। ऐलान सुनकर लोग आपस में बातचीत करने लगे कि मैं तो सबसे कीमती चीज को हाथ लगाऊंगा। दूसरे दिन सुबह जब महल का मुख्य दरवाजा खुला तो सभी लोग अपनी-अपनी मनपसंद चीज को पाने के लिए दौड़ पड़े।

सबको इस बात की जल्दी थी कि पहले वह अपनी मनपसंद की चीज को हाथ लगा दे, ताकि वह चीज हमेशा के लिए उसकी हो जाए। राजा विक्रमादित्य अपनी जगह पर बैठे सब देख रहे थे और मुस्कुरा रहे थे। उसी समय उस भीड़ में से एक समझदार युवक राजा विक्रमादित्य की तरफ बढ़ने लगा और राजा के करीब पहुंच कर उसने उनको छू लिया। हाथ लगाते ही राजा विक्रमादित्य उसके हो गए और राजा की हर चीज भी उसकी हो गई। यह नजारा देख राज्य के कुलगुरु के साथ प्रजा भी हैरान हो गई।

फिर कुलगुरु उठे और समझाते हुए बोले, “जिस तरह राजा विक्रमादित्य ने सारी प्रजा को जो मौका दिया, उस मौके का सही फायदा उठाने में लगभग सारी की सारी प्रजा ने ही गलतियां कीं। ठीक इसी तरह सारी दुनिया का मालिक भी हम सबको हर रोज मौका देता है, लेकिन अफसोस कि हम लोग भी हर रोज गलतियां करते हैं। हम प्रभु को पाने की बजाय उस परमपिता की बनाई हुई दुनिया की चीजों की कामना करते हैं। लेकिन कभी भी हम लोग इस बात पर गौर नहीं करते कि क्यों न दुनिया को बनाने वाले प्रभु को ही पा लिया जाए।” कुलगुरु के वचनों को सुनकर समस्त प्रजा को समझ आ गया कि यह उनकी परीक्षा थी।
