Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 May, 2023 07:33 AM
आज बात करेंगे शनि वक्री के बारे में। शनि वक्री होने जा रहे हैं 17 जून से। 17 जून से 4 नवंबर तक लगभग
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Shani Vakri 2023: आज बात करेंगे शनि वक्री के बारे में। शनि वक्री होने जा रहे हैं 17 जून से। 17 जून से 4 नवंबर तक लगभग 140 दिनों के लिए शनि वक्र अवस्था में रहेंगे। कई लोग इस बात को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं कि वक्री अवस्था क्या होती है। शनि हर साल वक्री होते हैं। सूर्य और चंद्रमा वक्री नहीं हो सकते। इन्हीं दो ग्रहों के हिसाब से कैलेंडर बनते हैं। राहु और केतु हमेशा वक्री रहते हैं। बुध साल के 90 दिन के आसपास वक्री रहते हैं। वक्र अवस्था सामान्य तौर पर जून के महीने से ही शुरू होती है। जब सूर्य ग्रहण लग जाता है, ग्रहों की पोजीशन ऐसी होती है, वो सूर्य से दूर चले जाते हैं।
कोई भी प्लानेट जो वक्री है, वो अपना फल करने की चाह, चाहे वो बढ़िया है या बुरा उसकी चेष्टा बढ़ जाती है। तो निश्चित तौर पर आपको इसके फल देखने को मिलते हैं। तो आइए जानते हैं शनिदेव जब वक्री होंगे, कौन सी राशि के लिए कैसा समय रहेगा-
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Aries मेष राशि: मेष राशि के लिए शनि का वक्री होना अच्छा है। यदि आपकी कुंडली में शनि की महादशा चल रही है और शनि आपकी कुंडली में अच्छी प्लेसमेंट में है। शनि आपकी कुंडली में दो भावों के मालिक हो जाएंगे, एक कर्म स्थान और आय स्थान। निश्चित तौर पर आपको इसके बहुत शुभ फल मिलेंगे और अचानक मिलेंगे। शनि ग्यारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं। शनि जिस भाव में जाते हैं, उसे मजबूत कर देते हैं। आय में बढ़ोतरी होगी।
Virgo कन्या राशि: कन्या राशि के जातको के लिए शनि छठे भाव में गोचर करेंगे। यहां पर शनि की कुम्भ राशि आ रही है। ये शनि की मूल त्रिकोण राशि है। ये गोचर शुभ होता है। शनि की महादशा या अंतर्दशा चल रही है तो निश्चित तौर पर आपको इसके शुभ फल देखने को मिलेंगे। शनि पंचम स्थान के स्वामी हैं। यदि संतान की चाहत रखते हैं तो वो भी पूरी हो जाएगी। यदि आपका रिश्ता नहीं हो रहा है तो इस समय के दौरान रिश्ता होने की सम्भावना है। उच्च पढ़ाई के लिए अगर बाहर जाना चाहते हैं तो ये ख्वाइश भी पूरी हो जाएगी। कन्या राशि के जातकों का स्वामी बुध होता है। यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है। शनि वहां पर आपको मदद करेंगे। पुराना रुका पैसा भी वापस मिल सकता है।
Sagittarius धनु राशि: धनु राशि से शनि तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। तीसरे भाव का गोचर अच्छा होता है। धनु राशि के लिए दूसरे भाव के स्वामी बनते हैं। दूसरा भाव धन भाव है। शनि की मूलत्रिकोण राशि पड़ी है तीसरे भाव में, जिसके फल शनि निश्चित तौर पर ज्यादा करेंगे। यदि शनि की दशा या महादशा चल रही है तो आपको इसके शुभ फल देखने को मिलेंगे। जो फैसला नहीं ले पा रहे थे, उससे जुड़ी परेशानी भी दूर हो जाएगी। धन में वृद्धि के योग बनते हैं। हेल्थ का थोड़ा सा ध्यान जरूर रखें। खान-पान में सावधानी बरतें।
नरेश कुमार
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