श्रीमद्भगवद्गीता- मनुष्यों की दो श्रेणियां हैं 'भक्त' तथा 'असुर'

Edited By Jyoti,Updated: 11 Nov, 2022 02:39 PM

srimad bhagavad gita

हिंदू धर्म में कई शास्त्र व पुराण हैं जिनमें मानव जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें वर्णित है। जिनमें से अगर बात करें हम श्रीमद्भगवद्गीता की तो इसमें श्री कृष्ण ने अपने सखा अर्जुन को उस समय में ऐसे उपदेश दिए थे जो न केवल उस युग में मानव के लिए उपयोगी

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में कई शास्त्र व पुराण हैं जिनमें मानव जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें वर्णित है। जिनमें से अगर बात करें हम श्रीमद्भगवद्गीता की तो इसमें श्री कृष्ण ने अपने सखा अर्जुन को उस समय में ऐसे उपदेश दिए थे जो न केवल उस युग में मानव के लिए उपयोगी थे बल्कि आज भी यानि कलियुग में भी मानव जीवन को बेहतर बनाने में सहायक साबितो होते हैं। आए दिन हम आपको श्रीमद्भगवद्गीता के ऐसे कई श्लोक बताते रहते हैं इसी कड़ी में आज फिर हम आपको बताने जा रहे हें श्रीमद्भगवद्गीता ऐसा ही श्लोक जिसमें मनुष्य की दो श्रेणियां बताई हैं। तो आइए बिना देर किए संक्षेप में जानते हैं श्लोक व इसका तात्पर्य।
PunjabKesari
श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप
साक्षात स्पष्ट ज्ञान का उदाहरण भगवद्गीता
स्वामी प्रभुपाद
अर्जुन उवाच

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें
PunjabKesari
श्रीमद्भगवद्गीता श्लोक-
स एवायं मया तेऽद्य योग: प्रोक्त: पुरातन:।
भक्तोऽसि में सखा चेति रहस्यं ह्येतदुत्तमम्।।3।।

अनुवाद- वही प्राचीन योग परमेश्वर के साथ संबंध का विज्ञान, मेरे द्वारा तुससे कहा जा रहा है। चूंकि तुम मेरे भक्त तथा मित्र हो, अत: तुम इस विज्ञान के दिव्य रहस्य को समझ सकते हो।
PunjabKesari
तात्पर्य- मनुष्यों की दो श्रेणियां हैं : भक्त तथा असुर। भगवान ने अर्जुन को इस विद्या का पात्र इसलिए चुना क्योंकि वह उनका भक्त था परंतु असुरों के लिए इस परम गुह्यविद्या को समझ पाना संभव नहीं है। इस परम ज्ञानग्रंथ के अनेक संस्करण उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ भक्तों की टीकाए हैं और कुछ असुरों की।
जो टीकाएं भक्तों द्वारा कही गई हैं वे वास्तविक हैं परंतु जो असुरों द्वारा की गई है वे व्यर्थ हैं। अर्जुन श्रीकृष्ण को भगवान के रूप में मानता है अत: जो गीता भाष्य अर्जुन के पदचिन्हों का अनुसरण करते हुए किया गया है वह इस परमविद्या के पक्ष में वास्तविक सेवा है। मनुष्य को चाहिए कि अर्जुन की परम्परा का अनुसरण करे और श्रीमद्भगवगीता के परमविज्ञान से लाभान्वित हो। (क्रमश:)
PunjabKesari

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!