Edited By Jyoti,Updated: 27 Apr, 2021 06:36 PM
28 अप्रैल दिन बुधवार को वैशाख मास की शुरुआत हो रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह भगवान विष्णु का अत्यंत प्रिय मास में से एक माना जाता है।
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28 अप्रैल दिन बुधवार को वैशाख मास की शुरुआत हो रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह भगवान विष्णु का अत्यंत प्रिय मास में से एक माना जाता है। पंचांग के अनुसार इस महीने में अक्षय तृतीया को मा गंगा सप्तमी कोमा वरुथिनी एकादशी कोमा परशुराम जयंती कोमा शंकराचार्य जयंती कोमा गंगा सप्तमी पूजन तथा नरसिम्हा जयंती जैसे महत्वपूर्ण वह बड़े पर्व पढ़ते हैं। जिससे इस मास की विशेषता कहीं गुना बढ़ जाती है। ज्योतिष मान्यताएं हैं कि इस मास में खासतौर पर ब्रह्मा विष्णु महेश की पूजा करने का विधान होता है। कहा जाता है कि इ इन्हें प्रसन्न करने का सबसे उत्तम समय यही होता है। बल्कि केवल इन्हें जल्द अर्पित करने से ही जाति की तमाम तरह की इच्छाएं पूरी होती है तथा त्रिदेव प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
बता दें पंचांग के अनुसार वैशाख का महीना 28 अप्रैल बुधवार से प्रारंभ होकर 26 मई तक चलेगा तो वही तेलुगु कन्नड़ मराठी तथा गुजराती पंचांग के अनुसार यह मास 12 मई 2021 से आरंभ होकर 10 जून 2021 तक समाप्त होगा।
ज्योतिषी बताते हैं कि इस महीने में भी अन्य महीनों की तरह कुछ खास नियमों के पालन की आवश्यकता होती है। तो क्या है वह नियम आइए जानते हैं-
धर्म शास्त्र के अनुसार इस मास में प्रातः जल्दी उठना चाहिए।
स्नानादि से निवृत्त होकर सबसे पूर्व सूर्य देवता को अर्घ्य देना चाहिए।
इसके उपरांत भगवान विष्णु ब्रह्मा जी तथा भगवान शंकर यानी त्रिदेव को श्रद्धा पूर्वक जल अर्पित करना चाहिए।
अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबो में दान करना चाहिए।
खास तौर पर पक्षियों के लिए जल्द भोजन की आवश्यकता करनी चाहिए कोमा क्योंकि कहा जाता है कि इस मास में गर्मी अधिक होने लगती है, इसलिए मनुष्य को अपने साथ-साथ पशु पक्षियों का भी अधिक ध्यान रखना चाहिए।
इसके अलावा व्यक्ति को प्याऊ की स्थापना करवानी चाहिए, घर के बाहर जल से भरे पात्र रखनी चाहिए।
खास तौर पर बताया जाता है कि इस मास में छाता आदि का दान जरूर करना चाहिए।