Edited By Shubham Anand,Updated: 02 Jul, 2025 09:02 PM

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के तेवर अब नरम होते नजर आ रहे हैं। जो बिलावल कभी भारत पर कटाक्ष करते नहीं थकते थे, अब वही भारत से आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की अपील कर रहे हैं।
International Desk : पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के तेवर अब नरम होते नजर आ रहे हैं। जो बिलावल कभी भारत पर कटाक्ष करते नहीं थकते थे, अब वही भारत से आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की अपील कर रहे हैं।
"भारत-पाकिस्तान दुश्मन नहीं हैं"
2 जुलाई 2025, को इस्लामाबाद में आयोजित इंटरनेशनल पॉलिसी सम्मेलन के दौरान बिलावल भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व साझेदारी के लिए तैयार है, ताकि आतंकवाद के खतरे से निपटा जा सके। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि पड़ोसी हैं जिन्हें मिलकर अपने नागरिकों को आतंक से बचाने के लिए कदम उठाने चाहिए।
सिंधु जल संधि पर नरमी
जहां पहले सिंधु जल संधि के मुद्दे पर बिलावल भारत के खिलाफ सख्त बयानबाज़ी करते थे, अब उन्होंने पानी को हथियार न बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि शांति को हिमालय जितना मजबूत बनाने की ज़रूरत है और सिंधु घाटी की साझा विरासत को फिर से अपनाना कमजोरी नहीं, बल्कि दूरदर्शिता का प्रतीक है। बिलावल का कहना है कि पानी का संकट सिर्फ एक द्विपक्षीय नहीं बल्कि वैश्विक मुद्दा बन चुका है।
तालिबान पर भी साधा निशाना
भुट्टो ने अफगान तालिबान पर भी खुलकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने काबुल की मदद की है, अब वक्त है कि तालिबान अपनी ज़िम्मेदारी निभाए। उन्हें हथियारों की तस्करी और आतंकियों की आवाजाही को रोकना होगा।
भारत के कड़े कदमों से बदल रहा पाकिस्तान का रुख?
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने और कड़े निर्णय लेने की घोषणा की थी। इसके जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौता रद्द कर दिया था। उस वक्त बिलावल भुट्टो ने कहा था कि "सिंधु में या तो पानी बहेगा या हमारा खून।" लेकिन अब वही भुट्टो साझा प्रयासों और संवाद की बात कर रहे हैं।