Edited By Rahul Rana,Updated: 21 Jun, 2025 08:40 PM

चीन में एक हैरान कर देने वाले शैक्षणिक शोध प्रोग्राम का खुलासा हुआ है, जिसमें 500 से अधिक पेपर्स पश्चिमी पावर ग्रिड को बर्बाद करने की तकनीकों पर आधारित हैं।
International Desk : चीन में एक हैरान कर देने वाले शैक्षणिक शोध प्रोग्राम का खुलासा हुआ है, जिसमें 500 से अधिक पेपर्स पश्चिमी पावर ग्रिड को बर्बाद करने की तकनीकों पर आधारित हैं। इनमें से 367 पेपर्स सीधे अमेरिकी ग्रिड सिस्टम पर केंद्रित हैं, जबकि 166 यूरोपीय नेटवर्क्स पर, और ये "कास्केडिंग फेल्योर" यानी एक श्रृंखलाबद्ध ढंग से पूरे सिस्टम को ढहाने की रणनीतियों को बेहद विस्तार से बताया गया हैं।
1. अमेरिकी और यूरोपीय ग्रिड पर केंद्रित अध्ययन
367 पेपर्स अमेरिकी ग्रिड्स (प्रायः 4,000–5,000 नोड्स वाले नेटवर्क्स) पर आधारित हैं, जबकि 166 यूरोपीय सिस्टम्स पर।
कई रिपोर्ट्स में "कास्केडिंग फेल्योर" — यानी एक गड़बड़ी के बाद लगातर फेल होना — जैसी रणनीतियाँ बहुत विस्तार से समझाई गई हैं, जो सिस्टम को संपूर्ण रूप से बंद किए बिना, उसे धीरे‑धीरे धराशाही कर सकती हैं। यह अध्ययन वास्तविक पश्चिमी ग्रिड संरचनाओं पर आधारित हैं, न कि चीन के अलग मॉडल पर।
2. प्रमुख तकनीकों का विश्लेषण
मैलिशियस डेटा इंजेक्शन: कमांड या सेंसर डेटा में गलतियाँ डालकर ग्रिड को गुमराह करना।
नोड डिसेबलमेंट (Node Deletion): कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स को निष्क्रिय कर पूरे सिस्टम में दूरगामी अस्थिरता पैदा करना।
न्यूनतम प्रयास में ब्लैकआउट: सिर्फ कुछ तकनीकी मामूली बदलावों की मदद से भी बड़े ब्लैकआउट पैदा करना।
3. तकनीकी विश्लेषण और मॉडलिंग उदाहरण
शोधकर्ता चीन की Tsinghua University और South China University जैसे संस्थानों से जटिल नेटवर्क सिद्धांत (complex network theory) का इस्तेमाल करते हुए ग्रिड में संभावित कमज़ोर बिंदुओं की पहचान कर रहे हैं ।
यह परेशान करने वाला तथ्य है कि ये शोध चीन की अपनी ग्रिड संरचना पर नहीं, बल्कि पूरी तरह पश्चिमी इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल्स पर आधारित हैं—जो कि चीन के सिस्टम से काफी अलग हैं। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि चीन की साइबर-सेक्योरिटी रिसर्च ने सिर्फ रक्षात्मक तकनीकों में ही नहीं, बल्कि संभावित हमला करने योग्य “ऑफेंसिव” क्षमताओं में भी अपना दायरा बढ़ा रखा है।