ईरान-इजरायल संघर्ष पर लगी ब्रेक, ट्रंप की शांति घोषणा से तेल के दामों में आई बड़ी गिरावट

Edited By Updated: 24 Jun, 2025 11:33 AM

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मध्य पूर्व में कई हफ्तों से जारी भारी तनाव के बीच एक बड़ी राहत की खबर आई है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर घोषणा करते हुए कहा कि ईरान और इजरायल के बीच अब सीजफायर पर पूरी तरह से सहमति बन चुकी है।

नेशनल डेस्क: मध्य पूर्व में कई हफ्तों से जारी भारी तनाव के बीच एक बड़ी राहत की खबर आई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर घोषणा करते हुए कहा कि ईरान और इजरायल के बीच अब सीजफायर पर पूरी तरह से सहमति बन चुकी है। ट्रंप ने कहा कि यह शांति का समय है और दोनों ही पक्षों ने अपने संघर्ष को विराम देने का फैसला कर लिया है। ट्रंप के इस ऐलान के कुछ ही घंटों बाद तेल के बाजार में भी बड़ा बदलाव देखा गया। कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। जिस क्रूड ऑयल के दाम 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही थी, वह अब 65 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गया है।

तेल की कीमतों में उछाल के बाद बड़ी गिरावट

बीते कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी देखी जा रही थी। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध के हालात ने बाज़ार में डर का माहौल बना दिया था। तेल व्यापारियों को आशंका थी कि अगर संघर्ष और बढ़ा तो तेल की आपूर्ति में रुकावट आ सकती है जिससे दाम 110 से 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं। लेकिन जैसे ही ट्रंप ने सीजफायर की घोषणा की, बाजार की दिशा पलट गई। एशियाई बाजार में सोमवार को कारोबार की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई। अमेरिका में वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) अगस्त क्रूड फ्यूचर्स की कीमत 5.1% गिरकर 65.02 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। यह गिरावट 12 जून के बाद की सबसे बड़ी मानी जा रही है। गौरतलब है कि इसी दिन इजरायल ने ईरान पर मिसाइल हमला किया था।

ईरान और इजरायल की सहमति की पुष्टि

ट्रंप के बयान के बाद ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि तेहरान अब इजरायल के साथ सीजफायर पर सहमत हो गया है। उधर, इजरायल के प्रसिद्ध चैनल 12 की रिपोर्ट में बताया गया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप के साथ बातचीत के बाद युद्धविराम समझौते को मंजूरी दे दी है। इसका असर न केवल दोनों देशों पर पड़ा, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा। तेल के दाम में तेज गिरावट से कई देशों को राहत मिली है जो पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे थे।

स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज खुला रहा, ओपेक प्लस ने दिया भरोसा

इस तनाव के दौरान यह भी आशंका थी कि ईरान, स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज को बंद कर सकता है, जिससे तेल की वैश्विक आपूर्ति पर असर पड़ता। लेकिन ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया। इसके अलावा, तेल उत्पादक देशों के समूह OPEC+ ने भी भरोसा दिलाया कि अगर ईरान से तेल की आपूर्ति बाधित होती है तो अन्य सदस्य देश इसकी भरपाई करेंगे। इस सहमति के चलते तेल के दाम में उतना उछाल नहीं आया जितनी उम्मीद की जा रही थी। हालांकि, वीकेंड में अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले के बाद कुछ समय के लिए ब्रेंट क्रूड की कीमत 81 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंची थी, लेकिन यह बढ़त ज्यादा देर नहीं टिक सकी।

कतर स्थित अमेरिकी बेस पर हमला, पर कोई नुकसान नहीं

ट्रंप के ऐलान से पहले ईरान ने कतर में स्थित एक अमेरिकी सैन्य बेस पर जवाबी हमला किया था। लेकिन राहत की बात यह रही कि इसमें कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। इस खबर के सामने आते ही ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में पहले ही लगभग 8% की गिरावट आ चुकी थी।

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