Edited By Tanuja,Updated: 13 Jul, 2025 06:23 PM

गाजा पट्टी में संघर्ष विराम की शर्तें न मानने से इजरायल ने हमास के खिलाफ अपना सबसे बड़ा हमला फिर शुरू कर दिया है। शनिवार रातभर चले हमलों में कम से कम 110 फिलिस्तीनियों की मौत...
International Desk: गाजा पट्टी में संघर्ष विराम की शर्तें न मानने से इजरायल ने हमास के खिलाफ अपना सबसे बड़ा हमला फिर शुरू कर दिया है। शनिवार रातभर चले हमलों में कम से कम 110 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। अलजजीरा टीवी के मुताबिक, इजरायली सेना ने दक्षिणी गाजा के राफा शहर में गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) के सहायता केंद्र के बाहर जमा भीड़ पर अचानक हमला कर दिया। इसमें 34 लोग वहीं मारे गए, जो खाना लेने के लिए घंटों से लाइन में थे।
बिना चेतावनी हुई गोलीबारी
राफा के अल-शाकूश इलाके के लोगों ने बताया कि इजरायली स्नाइपर्स ने सीधे भीड़ पर निशाना साधकर गोलियां चलाईं। वहां मौजूद समीर शात नाम के व्यक्ति ने कहा, “खून की नदियां बह रही थीं। खाने के बैग लाशों को ढकने के काम आ गए। अल्लाह की कसम, यह मदद केंद्र नहीं बल्कि मौत का जाल है।” मोहम्मद बारबाक नाम के दूसरे चश्मदीद ने कहा, “वे हमें धोखा देते हैं, कहते हैं आओ मदद लो, बैग लो फिर हम पर गोलियां बरसाई जाती हैं जैसे जानवरों का शिकार किया जाता है।”
संघर्ष विराम वार्ता क्यों फेल
अमेरिका, कतर और मिस्र की मध्यस्थता में इजरायल और हमास के बीच पिछले कई दिनों से युद्धविराम पर बातचीत चल रही थी, लेकिन शर्तों पर सहमति नहीं बन पाई। इजरायल अब गाजा की आबादी को विस्थापित करने की योजना बना रहा है। फिलिस्तीनी समूह इसे *‘जबरन पलायन’* की साजिश मानकर कड़ी निंदा कर रहे हैं।
मानवाधिकार संगठनों ने क्या कहा?
यूएन और कई मानवाधिकार संगठनों ने इन सहायता केंद्रों को ‘नरसंहार स्थल’ और ‘मौत का जाल’ बताया है। उनका आरोप है कि इजरायल सहायता के नाम पर भीड़ इकट्ठा करता है और फिर हमला करता है ताकि हमास के ठिकानों के नाम पर आम नागरिकों को मारा जा सके।
स्थिति और बिगड़ने के आसार
गाजा में करीब 23 लाख की आबादी में से 70% से अधिक लोग विस्थापित हैं। खाने-पीने और दवाओं का भयानक संकट है। मदद पहुंचाने वाले ट्रक लगातार हमलों के निशाने पर हैं। ऐसे में हालात और भयावह हो सकते हैं।