Edited By Rohini Oberoi,Updated: 04 Jul, 2025 10:16 AM

इन दिनों कज़ाकिस्तान में बुर्का पहनने पर पाबंदी को लेकर खासी चर्चा हो रही है। अब वहाँ महिलाएँ सार्वजनिक स्थानों पर अपने चेहरे को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े नहीं पहन सकेंगी। कज़ाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल आबादी वाला देश है ऐसे में सरकार द्वारा इस तरह...
इंटरनेशनल डेस्क। इन दिनों कज़ाकिस्तान में बुर्का पहनने पर पाबंदी को लेकर खासी चर्चा हो रही है। अब वहाँ महिलाएँ सार्वजनिक स्थानों पर अपने चेहरे को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े नहीं पहन सकेंगी। कज़ाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल आबादी वाला देश है ऐसे में सरकार द्वारा इस तरह का फैसला लिया जाना सभी को हैरत में डालता है। हालाँकि कज़ाकिस्तान इकलौता ऐसा देश नहीं है जिसने बुर्के पर पाबंदी लगाई है। आइए जानते हैं उन मुस्लिम और यूरोपीय देशों के बारे में जो पहले भी ऐसा कर चुके हैं और नियम न मानने पर कहाँ जुर्माने का भी प्रावधान है।
कज़ाकिस्तान जिसकी 70% आबादी मुस्लिम है ने यह पाबंदी लगाई है। इस देश में मुस्लिमों के बाद बड़ी संख्या ईसाई धर्म के लोगों की है।
क्या है बुर्का और इसका इतिहास?
बुर्का एक अरबी शब्द है जिसका इस्तेमाल करीब सातवीं शताब्दी से हो रहा है। दिलचस्प बात यह है कि बुर्का शब्द का असल इस्तेमाल पहले जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए एक पूरी तरह से ढंके जाने वाले कपड़े के लिए होता था। ऐसा माना जाता है कि पहली बार बुर्का ईरान में पहना गया था। जानकारों की मानें तो इस्लाम धर्म की कई धार्मिक किताबों में बुर्का की जगह पर हिजाब का इस्तेमाल किया गया है।
बुर्का को लेकर पहले भी अलग-अलग देशों में विवाद होता आया है। ज़्यादातर पश्चिमी देश इस पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। भारत में भी कई शिक्षण संस्थानों या अन्य स्थानों पर बुर्का पर बैन लगाने के लिए विवाद हुआ है।

किन मुस्लिम देशों में बुर्के पर है प्रतिबंध?
कज़ाकिस्तान के अलावा कई अन्य मुस्लिम देश भी हैं जिन्होंने बुर्के पर प्रतिबंध लगाया है या कुछ नियम लागू किए हैं। इस सूची में शामिल हैं:
➤ ट्यूनीशिया
➤ तुर्कमेनिस्तान
➤ चाड
➤ अल्जीरिया
➤ ताजिकिस्तान
➤ उज़्बेकिस्तान
इन देशों में सुरक्षा, सामाजिक एकीकरण या राष्ट्रीय पहचान जैसे विभिन्न कारणों से यह प्रतिबंध लगाया गया है जो उनके धर्मनिरपेक्ष या विशिष्ट सांस्कृतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

यूरोप में बुर्के पर सख्त कानून और भारी जुर्माना
यूरोप के कई देशों में भी बुर्के को लेकर बहुत विवाद हो चुका है जिसके बाद से कई देशों में इसके लिए सख्त कानून लागू होकर इसे प्रतिबंधित किया गया है। यूरोप का पहला देश फ्रांस था जिसने सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर पाबंदी लगाई थी।
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फ्रांस में इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर 150 यूरो (लगभग ₹13,500) का जुर्माना है। वहीं अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को बुर्का पहनने के लिए मजबूर करता है या ज़ोर-ज़बरदस्ती करता है तो उस पर 30,000 यूरो (लगभग ₹27 लाख) का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। यह दर्शाता है कि कैसे कुछ देश सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक प्रतीकों के पहनावे को लेकर अपनी संप्रभुता और सामाजिक मूल्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं।