Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Jun, 2025 08:28 AM

1 अप्रैल 2025 से भारत सरकार ने चेक बाउंस से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 में कई अहम बदलाव किए हैं। अब अगर आप या कोई जानबूझकर चेक बाउंस करता है, तो अंजाम काफी भारी पड़ सकता है। इन नए प्रावधानों का उद्देश्य...
नेशनल डेस्क: 1 अप्रैल 2025 से भारत सरकार ने चेक बाउंस से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 में कई अहम बदलाव किए हैं। अब अगर आप या कोई जानबूझकर चेक बाउंस करता है, तो अंजाम काफी भारी पड़ सकता है। इन नए प्रावधानों का उद्देश्य वित्तीय लेनदेन को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना है, साथ ही चेक बाउंस से जुड़ी शिकायतों को त्वरित न्याय प्रक्रिया के ज़रिए हल करना भी इनका प्रमुख उद्देश्य है।
नए नियमों की मुख्य बातें:
सख्त सजा का प्रावधान
अगर किसी ने जानबूझकर चेक बाउंस किया है, तो उसे अब 2 साल तक की जेल या दोगुनी रकम का जुर्माना, या दोनों भुगतने पड़ सकते हैं। यह पहले से अधिक सख्त प्रावधान है।
केस दर्ज करने की समयसीमा बढ़ी
पहले चेक बाउंस की शिकायत दर्ज कराने के लिए केवल 1 महीने का समय था। अब इसे बढ़ाकर 3 महीने कर दिया गया है, जिससे पीड़ित को अपनी बात रखने का और ज्यादा मौका मिलेगा।
ऑनलाइन शिकायत की सुविधा
अब चेक बाउंस की शिकायत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी की जा सकेगी। इसके साथ ही, डिजिटल सबूत जैसे ईमेल, बैंक स्टेटमेंट आदि को भी अदालत में मान्यता दी जाएगी।
सूचना प्रणाली में पारदर्शिता
अब चेक बाउंस होने की स्थिति में 24 घंटे के भीतर बैंक दोनों पक्षों – यानी चेक जारी करने वाले और प्राप्तकर्ता – को SMS और ईमेल के जरिए सूचित करेगा। साथ ही, बाउंस होने का कारण भी साफ-साफ बताया जाएगा।
एक जैसे नियम सभी बैंकों पर लागू
चाहे आपका खाता किसी भी बैंक में हो, अब सभी बैंकों पर एक जैसी प्रक्रिया लागू होगी, जिससे शिकायतों के निपटारे में भेदभाव नहीं होगा।
तीन बार बाउंस हुआ तो खाता हो सकता है फ्रीज
यदि कोई खाता तीन बार लगातार चेक बाउंस करता है, तो बैंक उस खाते को अस्थायी रूप से फ्रीज कर सकता है। यह कदम भुगतान प्रणाली में अनुशासन बनाए रखने के लिए है।