Edited By Mehak,Updated: 26 Dec, 2025 04:33 PM

सदियों पुरानी पहेली “मुर्गी पहले आई या अंडा?” का वैज्ञानिक उत्तर मिल गया है। ब्रिटेन की शेफील्ड और वारविक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, मुर्गी पहले आई। इसका कारण अंडे के छिलके में पाए जाने वाला विशेष प्रोटीन OC-17 है, जो केवल मुर्गी के अंडाशय...
नेशनल डेस्क : सदियों से चली आ रही यह पहेली - 'मुर्गी पहले आई या अंडा?' का जवाब अब वैज्ञानिकों खोज निकाला है। ब्रिटेन की शेफील्ड और वारविक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की रिसर्च के अनुसार, मुर्गी पहले आई। इसका मुख्य कारण अंडे के छिलके में पाए जाने वाले एक विशेष प्रोटीन OC-17 (Ovocladin-17) को माना गया है, जो केवल मुर्गी के अंडाशय में बनता है।
OC-17 प्रोटीन कैसे साबित करता है कि मुर्गी पहले आई?
मुर्गी का अंडा मजबूत छिलका बनाने के लिए कैल्शियम कार्बोनेट से क्रिस्टल बनाता है। यह प्रक्रिया OC-17 प्रोटीन के बिना संभव नहीं है। वैज्ञानिकों ने सुपरकंप्यूटर की मदद से अध्ययन किया और पाया कि यह प्रोटीन कैल्शियम को तेजी से क्रिस्टल में बदल देता है, जिससे 24-26 घंटे में मजबूत छिलका बन जाता है। इसका मतलब है कि पहली असली मुर्गी ही पहला असली अंडा दे सकती थी।
विकासवाद (Evolution) की नजर से
वैज्ञानिकों के अनुसार, विकासवाद के हिसाब से अंडा बहुत पहले से मौजूद था। डायनासोर और अन्य पक्षी लाखों साल पहले अंडे देते थे। मुर्गी, जो आज हमें दिखती है, वह रेड जंगलफाउल से धीरे-धीरे विकसित हुई। कुछ म्यूटेशन की वजह से पहली असली मुर्गी का अंडा बना और उस अंडे से निकली पहली मुर्गी। यानी सामान्य अंडे की बात करें तो अंडा पहले आया, लेकिन विशेष मुर्गी के अंडे की बात करें तो मुर्गी पहले आई।
इस खोज का महत्व
यह रिसर्च सिर्फ इस पहेली को सुलझाने के लिए नहीं, बल्कि अंडे के मजबूत छिलके बनने की प्रक्रिया को समझने के लिए भी की गई थी। OC-17 प्रोटीन की वजह से मुर्गी इतनी तेजी से मजबूत अंडे दे पाती है। इसका उपयोग भविष्य में मजबूत सामग्री निर्माण या मेडिसिन में नई खोजों के लिए किया जा सकता है।