9 साल बाद टूटा रिकॉर्ड, शराब के इस ठेके ने मचाया तहलका, कीमत जानकर चौंक जाएंगे आप

Edited By Updated: 11 Jul, 2025 11:23 AM

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हरियाणा के फरीदाबाद में शराब कारोबार ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। 7 जुलाई को हुई नीलामी में बदरपुर बॉर्डर स्थित शराब ठेका 52 करोड़ 67 लाख 99 हजार 999 रुपये में बिका। यह अब तक की सबसे महंगी बोली मानी जा रही है और जिले के इतिहास में शराब ठेके की यह...

नेशनल डेस्क: हरियाणा के फरीदाबाद में शराब कारोबार ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। 7 जुलाई को हुई नीलामी में बदरपुर बॉर्डर स्थित शराब ठेका 52 करोड़ 67 लाख 99 हजार 999 रुपये में बिका। यह अब तक की सबसे महंगी बोली मानी जा रही है और जिले के इतिहास में शराब ठेके की यह सबसे बड़ी नीलामी रही। इस दिन कुल 10 ठेकों की नीलामी हुई, जिसमें विभाग को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला और उम्मीद से अधिक राजस्व अर्जित हुआ। 7 जुलाई को आयोजित नीलामी विभाग के 5वें राउंड का हिस्सा थी। इस राउंड में कुल 10 ठेकों की नीलामी की गई और विभाग को 197.02 करोड़ रुपये की कमाई हुई। नीलामी के लिए 194.80 करोड़ रुपये का रिजर्व प्राइस तय किया गया था, जिसे पार कर लिया गया। इस नीलामी के बाद अब जिले में केवल 19 जोनों की बोली लगनी बाकी है, जिनका रिजर्व प्राइस 241.46 करोड़ रुपये है।

जून में भी बिका था महंगा ठेका, 12.18% की बढ़ोतरी

इससे पहले जून महीने में सेक्टर-17 स्थित पुलिस नाके के पास बनी शराब की दुकान का ठेका 25 करोड़ 21 लाख 80 हजार रुपये में छूटा था। यह बोली पिछले साल के मुकाबले 12.18 प्रतिशत अधिक थी। इससे पता चलता है कि फरीदाबाद में शराब के व्यापार में भारी प्रतिस्पर्धा और मांग बनी हुई है।

बदरपुर बॉर्डर का ठेका बना अब तक का सबसे महंगा

वर्ष 2015-16 में भी बदरपुर बॉर्डर स्थित शराब ठेके की सबसे ऊंची बोली लगी थी, जो उस समय 20 करोड़ 17 लाख रुपये थी। लेकिन इस बार इसने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 52 करोड़ से अधिक में बिककर इतिहास रच दिया। बॉर्डर एरिया होने के कारण यहां शराब की सेल काफी अधिक होती है, इसलिए ठेके की कीमत भी ऊंची गई।

अब तक 1100 करोड़ रुपये का राजस्व

फरीदाबाद जिले में अब तक 96 ठेकों की नीलामी हो चुकी है, जिनसे सरकार को करीब 1100 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। ये ठेके अब 21 महीनों तक वैध रहेंगे और शराब कारोबार इसी व्यवस्था के तहत संचालित होगा। अब तक कुल 115 जोनों में से 96 जोनों की नीलामी पूरी हो चुकी है। शुरुआत में ठेकेदारों की रुचि कम हो गई थी, लेकिन आबकारी विभाग द्वारा मीटिंग और कैटिगरी में 1-2% कटौती के बाद रिस्पॉन्स फिर से अच्छा मिलने लगा है।

ऑनलाइन प्रक्रिया से होती है नीलामी

शराब ठेकों की नीलामी पूरी तरह ऑनलाइन होती है।

  • इच्छुक ठेकेदार आबकारी विभाग की वेबसाइट पर आवेदन करते हैं

  • अधिक कीमत भरने वाले को ठेका आवंटित किया जाता है

  • यह प्रक्रिया पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है

7 जुलाई की नीलामी में एक नई फर्म ने 4 जोन एक साथ लिए हैं, जो इस क्षेत्र में नए कारोबारियों की बढ़ती रुचि को दर्शाता है।

2025 का टारगेट क्या है?

आबकारी विभाग ने इस वर्ष शराब बिक्री को लेकर बड़ा लक्ष्य रखा है।

  • इंडियन मेड फॉरन लिकर (IMFL): 2 करोड़ 82 लाख 14 हजार 421 प्रूफ लीटर

  • इंपोर्टेड फॉरन लिकर (IFL): 3 लाख 48 हजार 33 पेटियां

  • देसी शराब: 1 करोड़ 74 लाख 41 हजार 661 प्रूफ लीटर

  • राजस्व लक्ष्य: 1777 करोड़ रुपये

यह लक्ष्य दर्शाता है कि विभाग इस साल शराब कारोबार से बड़ी कमाई की योजना में है।

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