Edited By Mansa Devi,Updated: 26 Jun, 2025 06:47 PM

दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में मंगलवार को चार मंजिला इमारत में भयानक आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। इस हादसे ने जहां लोगों को दहला दिया है, वहीं इसमें मृतकों के अंतिम शब्दों ने दर्द और बढ़ा दिया है। 62 वर्षीय दिलीप सिंह, जो...
नेशनल डेस्क: दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में मंगलवार को चार मंजिला इमारत में भयानक आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। इस हादसे ने जहां लोगों को दहला दिया है, वहीं इसमें मृतकों के अंतिम शब्दों ने दर्द और बढ़ा दिया है। 62 वर्षीय दिलीप सिंह, जो इमारत की चौथी मंजिल पर स्थित टिशू फैक्ट्री में सुपरवाइजर थे, ने आग लगने के समय अपने बेटे धरम सिंह को फोन कर आखिरी बार कहा, "मैं नहीं बच पाऊंगा बेटा, दम घुट रहा है।" यह 43 सेकंड का कॉल धरम सिंह की जिंदगी का सबसे दर्दनाक पल बन गया है।
आग लगने के कारण और जांच
फैक्ट्री में टिशू पेपर और केमिकल्स बनाए जाते थे। आग कैसे लगी, इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों के शव बुरी तरह जल चुके हैं, इसलिए पहचान के लिए डीएनए जांच करवाई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।
परिवार की व्यथा
धरम सिंह ने बताया कि उन्होंने आग लगने की जानकारी पाते ही तुरंत अपने पिता को इमारत से बाहर निकलने को कहा, लेकिन कॉल अचानक कट गया। दिलीप सिंह की पत्नी, बेटी और एक और बेटा उत्तम नगर में रहते हैं और हादसे के बाद से सदमे में हैं।
औद्योगिक सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा दिल्ली में औद्योगिक सुरक्षा की कमजोरी को उजागर करता है। ऐसे भवनों में अग्निशमन उपकरणों और सुरक्षा प्रबंधों की कमी गंभीर चिंता का विषय है। प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन पीड़ित परिवारों के लिए यह सांत्वना बहुत कम है। दिलीप सिंह की अंतिम कॉल देशभर को यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या हमारे उद्योगों में काम करने वाले लोग वाकई सुरक्षित हैं।