Edited By Rohini Oberoi,Updated: 04 Apr, 2025 11:34 AM
बदायूं के कादरचौक स्थित जिंसी नगला गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। सूरज ढलने के बाद जब गांव की गलियां बच्चों की हंसी और घरों में चूल्हे जलने की खुशबू से महक रही थीं तभी अचानक एक तेज चीख ने सब कुछ पल भर में बदल दिया। यह चीख एक दर्दनाक हादसे...
नेशनल डेस्क। बदायूं के कादरचौक स्थित जिंसी नगला गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। सूरज ढलने के बाद जब गांव की गलियां बच्चों की हंसी और घरों में चूल्हे जलने की खुशबू से महक रही थीं तभी अचानक एक तेज चीख ने सब कुछ पल भर में बदल दिया। यह चीख एक दर्दनाक हादसे की शुरुआत थी, जब एक गैस सिलेंडर में धमाका हुआ और आग ने पूरा घर घेर लिया। इस भीषण हादसे में दो मासूम बच्चे सुमित और दीपक अपनी जान गंवा बैठे।
धुएं में खो गईं मासूमों की चीखें
गांव में कुछ ही पलों में हड़कंप मच गया। गैस सिलेंडर के फटने के बाद आग की लपटें आसमान तक पहुंच गईं और घरों के साथ-साथ आसपास के पेड़ भी जलने लगे। घर में मौजूद लोग बुरी तरह घबराए हुए थे और आग से भागने के बजाय मासूम बच्चे सुमित और दीपक ने चारपाई के नीचे छिपने की कोशिश की लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि वे उसमें फंस गए और उनकी जान चली गई।
यह भी पढ़ें: भारत का ऐसा खतरनाक द्वीप जहां बाहरी लोगों के प्रवेश पर है पाबंदी, अगर नियम तोड़ा तो होगी मौत की सजा!
नानी के घर आया था दीपक, नहीं लौट सका
बताया गया कि दीपक जो 5 दिन पहले ही अपनी नानी के घर आया था इस हादसे का शिकार हो गया। उसका मन घर लौटने का था लेकिन यह आग उसे वापस नहीं जाने दे पाई। यह घटना गांव के लिए शोक का कारण बन गई है और बच्चे की मासूमियत और परिवार के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है।
यह भी पढ़ें: प्रिंसिपल की व्हाट्सएप चैट Viral, महिला प्रोफेसर को भेज डाला 'I Love You' और Kiss वाला इमोजी और फिर जो हुआ...
देरी से आई फायर ब्रिगेड, नहीं मिली मदद
गांववालों का कहना है कि आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड को तुरंत फोन किया गया था लेकिन समय की दूरी के कारण वह डेढ़ घंटे बाद पहुंची। इस देरी के कारण आग की लपटें बेहद तेज हो चुकी थीं और तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गांववालों ने कहा कि अगर फायर ब्रिगेड समय पर पहुंच जाती तो शायद बच्चों की जान बच सकती थी।
गांव में पसरा मातम, बच्चों की किलकारियां अब गुम
गांव में जहां पहले बच्चों की किलकारियां गूंजती थीं अब वहां मातम पसरा हुआ है। मासूम बच्चों की चीखें धुएं में घुट कर रह गईं और उनके परिवार पर यह हादसा भारी संकट बन गया है। पूरे गांव में इस घटना को लेकर शोक की लहर दौड़ गई है और लोग इस असमय मौत के कारण बेहद दुखी हैं।