भारत के 'आकाश' का दिख रहा दबदबा, ब्राजील खरीद सकता है ये हाईटेक एयर डिफेंस सिस्टम

Edited By Updated: 01 Jul, 2025 05:10 PM

india s aakash is showing its dominance brazil buy this air defense

भारत की रक्षा क्षमताएं अब वैश्विक स्तर पर पहचान बना रही हैं। भारतीय हथियारों की तकनीक अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर सराही जा रही है। ब्राजील ने भारत की 'आकाश' वायु रक्षा प्रणाली और 'गरुड़' तोपों में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ...

National Desk : भारत की रक्षा क्षमताएं अब वैश्विक स्तर पर पहचान बना रही हैं। भारतीय हथियारों की तकनीक अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर सराही जा रही है। ब्राजील ने भारत की 'आकाश' वायु रक्षा प्रणाली और 'गरुड़' तोपों में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को जानकारी दी कि ब्राजील ने इन आधुनिक रक्षा उपकरणों सहित अन्य भारतीय प्रणालियों को हासिल करने की इच्छा जताई है। यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन यात्रा से पहले आया है, जो अगले सप्ताह दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में होने जा रही है।

द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा

विदेश मंत्रालय में सचिव पी. कुमारन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि भारत और ब्राजील के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर गंभीर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया, "संयुक्त अनुसंधान, तकनीकी साझाकरण और प्रशिक्षण के अवसरों पर बातचीत चल रही है। हम यह भी देख रहे हैं कि ब्राजील को किस प्रकार की रक्षा प्रणाली प्रदान की जा सकती है। हालांकि अभी बातचीत शुरुआती चरण में है।"

ब्राजील की प्राथमिकताएं: आकाश, OPV और पनडुब्बियां

कुमारन ने बताया कि ब्राजील विशेष रूप से युद्धक्षेत्र संचार प्रणालियों, अपतटीय गश्ती पोत (OPV), तटीय निगरानी उपकरण, ‘गरुड़’ तोपों और 'आकाश' वायु रक्षा प्रणाली में रुचि दिखा रहा है। साथ ही, स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के रखरखाव में भी भारत के साथ साझेदारी की संभावना तलाश रहा है। ब्राजील भारतीय रक्षा उद्योग के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने की भी इच्छुक है। कुमारन के अनुसार, “एयरोस्पेस क्षेत्र में ब्राजील की कंपनी एम्ब्रेयर की ताकत को देखते हुए, विमान निर्माण और सहयोग के कई रास्ते खुल सकते हैं।”

‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली: भारत की रक्षा में एक मजबूत दीवार

DRDO द्वारा विकसित 'आकाश' मिसाइल प्रणाली मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मोबाइल प्रणाली है, जो दुश्मन के फाइटर जेट्स, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और अन्य हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है। इसकी मारक सीमा 25 से 45 किमी तक है और यह 20 किमी ऊंचाई तक के लक्ष्यों को भेद सकती है। इसकी सुपरसोनिक गति (मैक 1.8–2.5) इसे बेहद घातक बनाती है। ऑपरेशन 'सिंदूर' के दौरान इसने दुश्मन के कई ड्रोन और मिसाइल हमलों को विफल किया था।

‘गरुड़’ तोप प्रणाली: सटीकता और गति का संयोजन

'गरुड़' एक स्वदेशी तोप प्रणाली है जो अपनी तेज़ तैनाती, सटीक मार और हल्के डिज़ाइन के चलते तटीय और सीमावर्ती इलाकों में बेहद उपयोगी साबित हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 से 8 जुलाई के बीच ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वे ब्राजील में द्विपक्षीय वार्ताएं भी करेंगे। इसके अलावा, वह घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना और नामीबिया की यात्रा भी करेंगे।

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