भारत की अर्थव्यवस्था पर भारी पढ़ रही ईरान-इजरायल जंग, इन चीजों के बढ़ सकते है दाम

Edited By Updated: 17 Jun, 2025 05:17 PM

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मध्य-पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच चल रहा संघर्ष अब पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बन गया है। इसका असर भारत पर भी दिखने लगा है और आने वाले दिनों में यह आपकी जेब पर भी साफ नजर आएगा। सबसे पहले असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ा है, जो लगातार बढ़ती जा...

नेशनल डेस्क : मध्य-पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच चल रहा संघर्ष अब पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बन गया है। इसका असर भारत पर भी दिखने लगा है और आने वाले दिनों में यह आपकी जेब पर भी साफ नजर आएगा। सबसे पहले असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ा है, जो लगातार बढ़ती जा रही हैं।

वैश्विक बाजार में तेजी से बढ़ रही हैं कच्चे तेल की कीमतें

जैसे ही ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ा, वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 11% से ज्यादा की उछाल आ गई। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 75.32 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह संघर्ष लंबा चलता है तो कच्चा तेल 120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है। इससे भारत में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी के दाम बढ़ सकते हैं। नतीजतन, परिवहन लागत बढ़ेगी और रोजमर्रा के सामान महंगे हो सकते हैं।

ईरान से तेल नहीं खरीदता भारत, फिर भी असर क्यों?

भारत, अमेरिका के प्रतिबंधों के चलते ईरान से प्रत्यक्ष रूप से कच्चा तेल नहीं खरीदता। लेकिन ईरान अब भी दुनिया के तेल बाजार में एक बड़ा खिलाड़ी है। उसकी गतिविधियों से पूरी दुनिया की सप्लाई पर असर पड़ता है।

होर्मूज की खाड़ी का बंद होना बनेगा बड़ा खतरा

होर्मूज की खाड़ी एक बेहद अहम समुद्री रास्ता है, जहां से दुनिया का करीब एक तिहाई कच्चा तेल गुजरता है। भारत का दो-तिहाई से ज्यादा तेल और आधे से ज्यादा एलएनजी गैस इसी रास्ते से आता है। अगर ईरान इस खाड़ी को बंद करता है, तो वैश्विक सप्लाई चेन बाधित हो जाएगी। वैकल्पिक समुद्री मार्गों का इस्तेमाल करना पड़ेगा, जिससे समय और लागत दोनों बढ़ेंगे।

भारत में क्या-क्या हो सकता है महंगा?

अगर युद्ध लंबा खिंचता है, तो भारत में इन चीज़ों के दाम बढ़ सकते हैं:

  • इलेक्ट्रॉनिक सामान और गैजेट्स
  • उर्वरक, जिससे अनाज और सब्जियां महंगी होंगी
  • रासायनिक पदार्थ, प्लास्टिक और औद्योगिक नमक
  • फल, ड्रायफ्रूट्स और खाद्य तेल
  • लोहा, स्टील और मशीनरी
  • गहने और रत्न, खासकर इम्पोर्ट में देरी से

भारत के ईरान और इजरायल से कैसे हैं संबंध?

भारत दोनों देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।

  • भारत-इजरायल व्यापार: रक्षा तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक्स, उर्वरक और रसायनों का आयात-निर्यात
  • भारत-ईरान व्यापार: फल, सीमेंट, ईंधन उत्पाद, नमक और केमिकल्स

हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत का ईरान को निर्यात 47.1% बढ़ा है, जबकि ईरान से आयात 23.6% घटा है।

आपकी जेब पर असर कैसे पड़ेगा?

  • ईंधन की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे घरेलू बजट बिगड़ सकता है
  • ट्रांसपोर्ट महंगा होगा, फल-सब्जियां, दूध, किराना सब महंगे होंगे
  • इलेक्ट्रॉनिक आइटम महंगे हो सकते हैं, क्योंकि आपूर्ति में देरी होगी
  • खाद्यान्न की कीमतें बढ़ेंगी, क्योंकि उर्वरक और कृषि लागत बढ़ेगी

अब भारत को क्या करना चाहिए?

भारत को सप्लाई चेन में झटकों से बचने के लिए ऊर्जा स्रोतों में विविधता लानी होगी और वैकल्पिक व्यापार मार्गों पर विचार करना चाहिए। साथ ही घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में कदम उठाने होंगे।


 

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