Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 20 Jun, 2025 03:48 PM

मर्सिडीज़-बेंज इंडिया ने चार हाई-एंड मॉडल — S-Class, GLC, EQS और AMG SL55 के कुछ यूनिट्स को आग लगने के संभावित खतरे के चलते वापस बुलाने का बड़ा फैसला लिया है। यह रिकॉल 18 जून 2025 को SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) वेबसाइट पर...
नेशनल डेस्क: मर्सिडीज़-बेंज इंडिया ने चार हाई-एंड मॉडल S-Class, GLC, EQS और AMG SL55 के कुछ यूनिट्स को आग लगने के संभावित खतरे के चलते वापस बुलाने का बड़ा फैसला लिया है। यह रिकॉल 18 जून 2025 को SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) वेबसाइट पर सार्वजनिक हुआ।
क्यों मंगाई गईं कारें वापस?
रिकॉल का मुख्य कारण फ़्यूज़ बॉक्स की गड़बड़ी है। कंपनी ने पाया कि कुछ गाड़ियों में फ़्यूज़ बॉक्स को ठीक से दोबारा इंस्टॉल नहीं किया गया था। इसके कारण:
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गाड़ी में प्रणोदन (propulsion) अचानक रुक सकता है
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एयरबैग और इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर जैसे जरूरी सिस्टम प्रभावित हो सकते हैं
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गाड़ी में थर्मल घटना यानी आग लगने का भी खतरा है
किन मॉडलों की कितनी यूनिट्स वापस बुलाई गईं?
मॉडल |
प्रभावित यूनिट्स |
निर्माण अवधि |
GLC |
3 |
9 सितंबर - 4 दिसंबर 2023 |
S-Class (मेबैक सहित) |
9 |
22 जून 2023 - 20 मार्च 2024 |
AMG SL55 |
2 |
5 जुलाई - 28 अगस्त 2023 |
EQS सेडान |
3 |
9 सितंबर - 4 दिसंबर 2023 |
कुल: 30 यूनिट्स इस ताज़ा रिकॉल में शामिल हैं।
मर्सिडीज़ देगी फ्री मरम्मत
कंपनी इन सभी वाहनों के मालिकों से संपर्क करेगी और बिना किसी शुल्क के जरूरी मरम्मत या सुधार करेगी। यह स्वैच्छिक रिकॉल है और सुरक्षा के दृष्टिकोण से उठाया गया कदम है।
भारत में मर्सिडीज़ के 2025 में अब तक 6 रिकॉल
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कुल यूनिट्स: 2812
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E-Class alone: 2543 यूनिट्स
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कारण: फ्यूज़ बॉक्स समस्या, स्टार्टर जनरेटर ओवरलोड, ECU सॉफ़्टवेयर गड़बड़ी, एयरबैग लेबल की कमी
क्या है थर्मल घटना और क्यों है ये खतरा?
जब किसी गाड़ी के इलेक्ट्रॉनिक या मैकेनिकल पार्ट्स अधिक गर्म होकर आग पकड़ने की स्थिति में पहुंच जाते हैं, तो इसे "थर्मल घटना" कहा जाता है। यदि फ़्यूज़ और सुरक्षा सिस्टम समय रहते एक्टिव न हों, तो वाहन में आग लग सकती है।
क्या करें अगर आपकी मर्सिडीज़ भी शामिल है?
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कंपनी से संपर्क करें या अपने स्थानीय अधिकृत डीलर से जांच कराएं
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SIAM की रिकॉल वेबसाइट पर अपना VIN नंबर डालकर जांचें
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गाड़ी को कंपनी से फ्री में ठीक कराने का हक रखें