Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 May, 2025 08:43 AM

अगर आपकी मासिक बिजली खपत 300 यूनिट के आसपास है, तो तैयार हो जाइए – इस बार बिजली बिल आपके बजट को झटका दे सकता है। मध्य प्रदेश में मई में बिजली की दरें न केवल बढ़ाई गई हैं, बल्कि ‘यूल एंड पावर पर्चेज एडजस्टमेंट सरचार्ज’ और 'टाइम ऑफ द डे टैरिफ' जैसे नए...
नेशनल डेस्क: अगर आपकी मासिक बिजली खपत 300 यूनिट के आसपास है, तो तैयार हो जाइए – इस बार बिजली बिल आपके बजट को झटका दे सकता है। मध्य प्रदेश में मई में बिजली की दरें न केवल बढ़ाई गई हैं, बल्कि ‘यूल एंड पावर पर्चेज एडजस्टमेंट सरचार्ज’ और 'टाइम ऑफ द डे टैरिफ' जैसे नए नियम भी लागू हो गए हैं, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।
इस बार के बिजली बिल में दोहरी मार पड़ी है – एक तरफ 3.46% की टैरिफ बढ़ोतरी, और दूसरी ओर 4.67% का अतिरिक्त सरचार्ज। इन दोनों को मिलाकर आपकी बिजली की लागत में 201 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है, खासकर उन उपभोक्ताओं के लिए जो औसतन 300 यूनिट तक बिजली का उपयोग करते हैं।
क्या है नया सरचार्ज और क्यों लगाया जा रहा है?
बिजली कंपनियां इस एडजस्टमेंट सरचार्ज के जरिए ईंधन और बिजली खरीद की लागत में महीने दर महीने होने वाले बदलाव की भरपाई करती हैं। अब कंपनियों को हर बार नियामक की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है; वे खुद ही इस सरचार्ज को लागू कर सकती हैं। यह नया शुल्क 24 अप्रैल से 23 मई तक के लिए निर्धारित किया गया है।
‘टाइम ऑफ द डे टैरिफ’ से बड़ा असर
अब बिजली की दरें पूरे दिन एक जैसी नहीं रहेंगी। सुबह 6 से 10 बजे और शाम 6 से 9 बजे तक की खपत पर 20% ज्यादा शुल्क देना होगा। इस नए मॉडल से प्रति यूनिट औसतन 0.67 रुपये का बोझ बढ़ेगा। फिलहाल ये टैरिफ एक लाख उपभोक्ताओं पर लागू किया गया है, जिसमें आवासीय, वाणिज्यिक और कुछ औद्योगिक कनेक्शन शामिल हैं।
स्मार्ट मीटर बनेंगे जरूरी
भोपाल में 2.86 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें से अब तक 50,000 मीटर लग चुके हैं। स्मार्ट मीटर की मदद से 'टाइम ऑफ द डे' टैरिफ के अनुसार रियल टाइम डेटा जुटाकर बिलिंग करना आसान हो जाता है।
महंगी बिजली से कैसे बचें?
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भारी उपकरण जैसे गीजर, वॉशिंग मशीन आदि को पीक टाइम के बाहर चलाएं
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एलईडी लाइट्स और इन्वर्टर एसी जैसे ऊर्जा दक्ष उत्पादों का इस्तेमाल करें
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टाइमर और ऑटोमेशन से बिजली का इस्तेमाल नियंत्रित करें
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सोलर एनर्जी अपनाकर ग्रिड पर निर्भरता कम करें
इस नई व्यवस्था के पीछे मंशा है बिजली खपत को नियंत्रित करना और अधिकतम मांग के समय पर लोड कम करना, लेकिन उपभोक्ताओं के लिए यह नया टैरिफ सिस्टम समझदारी से अपनाना जरूरी होगा, वरना हर महीने का बिल ‘हाई वोल्टेज’ झटका दे सकता है।