Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 May, 2025 01:17 PM

बुधवार को विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 4 पैसे मजबूत होकर 85.32 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जिसने निवेशकों के चेहरे पर राहत की मुस्कान ला दी। विशेषज्ञों के मुताबिक, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और घरेलू शेयर बाजारों में तेज़ी ने रुपये को सहारा दिया। साथ ही...
नेशनल डेस्क: बड़ी खबर उन भारतीयों के लिए जो विदेशों में रहते हैं या डॉलर में लेन-देन करते हैं। भारतीय रुपया इन दिनों अमेरिकी डॉलर पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। जहां कुछ समय पहले 1 डॉलर की कीमत 87 रुपये तक पहुंच गई थी, वहीं अब रुपये ने वापसी करते हुए डॉलर को 85 की रेंज में ला दिया है। ये गिरावट सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एनआरआई (NRI) निवेशकों, विदेशों से पैसा भेजने वालों और आयात-निर्यात कारोबारियों के लिए बड़ी आर्थिक हलचल का संकेत है। बुधवार को विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 4 पैसे मजबूत होकर 85.32 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जिसने निवेशकों के चेहरे पर राहत की मुस्कान ला दी।
डॉलर कमजोर, रुपया मजबूत
विशेषज्ञों के मुताबिक, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और घरेलू शेयर बाजारों में तेज़ी ने रुपये को सहारा दिया। साथ ही भारत के मजबूत आर्थिक संकेतकों और अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति (CPI) के अनुमान से बेहतर आंकड़ों ने रुपये की स्थिति और मजबूत कर दी।
कहां तक गया रुपया?
बुधवार को इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 85.05 के उच्चतम और 85.52 के न्यूनतम स्तर के बीच झूलता रहा। सत्र के अंत में यह 85.32 पर बंद हुआ, जबकि मंगलवार को यह 85.36 पर स्थिर था। HDFC सिक्योरिटीज के विश्लेषक दिलीप परमार के अनुसार, वैश्विक जोखिम लेने की प्रवृत्ति और डॉलर की कमजोरी रुपये के लिए फायदेमंद साबित हुई।
शेयर बाजार का असर
घरेलू शेयर बाजार ने भी रुपये को संबल दिया। बीएसई सेंसेक्स 182 अंकों की बढ़त के साथ 81,330 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 88 अंक चढ़कर 24,666.90 पर पहुंच गया। उधर, ब्रेंट क्रूड की कीमत 1.10% गिरकर $65.90 प्रति बैरल रह गई, जो आयात बिल को कम करने में सहायक हो सकता है।