इन राज्यों में महिलाओं को मिल रहा कैश, आप भी तुरंत उठाए इस सकीम का फायदा

Edited By Updated: 25 Dec, 2025 10:13 PM

women in these states are receiving cash payments

जैसे-जैसे बिहार में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की डेडलाइन नजदीक आ रही है, महिलाओं को मिलने वाली नकद सहायता को लेकर चर्चाएं एक बार फिर तेज हो गई हैं। दरअसल, केवल बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में राज्य सरकारें महिलाओं के सशक्तिकरण, आर्थिक सुरक्षा...

नेशनल डेस्क: जैसे-जैसे बिहार में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की डेडलाइन नजदीक आ रही है, महिलाओं को मिलने वाली नकद सहायता को लेकर चर्चाएं एक बार फिर तेज हो गई हैं। दरअसल, केवल बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में राज्य सरकारें महिलाओं के सशक्तिकरण, आर्थिक सुरक्षा और घरेलू खर्चों में राहत देने के लिए डायरेक्ट कैश ट्रांसफर (DBT) योजनाओं का सहारा ले रही हैं। सवाल यह है कि किन राज्यों में यह नीति पहले से लागू हो चुकी है और महिलाओं को कितना लाभ मिल रहा है?

15 राज्यों में पहुंची सीधी नकद सहायता

उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, भारत के करीब 15 राज्यों में महिलाओं को मासिक या तय अंतराल पर सीधे बैंक खाते में नकद सहायता दी जा रही है। इन सभी योजनाओं पर सरकारों का कुल अनुमानित वार्षिक खर्च करीब 2.46 लाख करोड़ रुपये है। अधिकतर योजनाएं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, आयकर न देने वाली और सरकारी नौकरी में न होने वाली महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं।

सबसे ज्यादा रकम देने वाला राज्य कौन सा?

महिलाओं को मिलने वाली मासिक सहायता के मामले में झारखंड सबसे आगे है। यहां मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना के तहत 18 से 50 साल की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹2500 दिए जाते हैं। हालांकि, यह लाभ उन्हीं महिलाओं को मिलता है जो न तो आयकर दाता हैं और न ही सरकारी कर्मचारी।

कर्नाटक की गृह लक्ष्मी योजना

दक्षिण भारत में कर्नाटक की गृह लक्ष्मी योजना चर्चा में रही है। इस योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया को हर महीने ₹2000 की सहायता दी जाती है। पात्रता का आधार यह है कि महिला या उसका पति आयकर या जीएसटी का भुगतान करता है या नहीं। टैक्स दाता परिवार इस योजना से बाहर रखे जाते हैं।

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की बड़ी योजनाएं

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की महिलाओं को हर महीने ₹1500 दिए जाते हैं, बशर्ते परिवार की सालाना आय ₹2.5 लाख से कम हो।
वहीं मध्य प्रदेश में चल रही लाड़ली बहना योजना के तहत दिसंबर 2025 में मासिक सहायता बढ़ाकर ₹1500 कर दी गई थी। सरकार ने संकेत दिया है कि भविष्य में इस राशि को ₹5000 प्रति माह तक बढ़ाया जा सकता है।

मध्यम सहायता देने वाले राज्य भी पीछे नहीं

कुछ राज्य अपेक्षाकृत कम, लेकिन नियमित सहायता देकर महिलाओं को राहत दे रहे हैं। तमिलनाडु में कलैग्नार मगलिर उरीमाई थोगाई योजना के तहत योग्य महिला मुखियाओं को हर महीने ₹1000 मिलते हैं।
पश्चिम बंगाल में लक्ष्मी भंडार योजना सामान्य वर्ग की महिलाओं को ₹1000 और एससी/एसटी वर्ग की महिलाओं को ₹1200 प्रति माह देती है।

इसके अलावा असम में ओरुनोडोई योजना के तहत कम आय वाले परिवारों की महिलाओं को हर महीने ₹1250 मिलते हैं। छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 21 से 60 वर्ष की शादीशुदा महिलाओं को ₹1000 प्रति माह दिए जाते हैं। ओडिशा की सुभद्रा योजना में 5 साल में कुल ₹50,000 दिए जाते हैं, जो औसतन ₹833 प्रति माह के बराबर है।

दिल्ली और हिमाचल की योजनाएं भी चर्चा में

दिल्ली में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत ₹1000 देने की घोषणा की गई थी, हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में कुछ श्रेणियों के लिए इसे ₹2500 तक बढ़ाने की बात सामने आई है। वहीं हिमाचल प्रदेश में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत अविवाहित महिलाओं को हर महीने ₹1500 की सहायता दी जा रही है।

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