Mis-selling: गलत तरीके से बीमा बेचने पर बैंक होंगे निशाने पर, RBI लेने वाला है बड़ा फैसला

Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Jun, 2025 10:44 AM

banks will be targeted for selling insurance in wrong manner

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बीमा जैसे उत्पादों की गलत बिक्री (Misselling) को लेकर गंभीर चिंता जताई है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने स्पष्ट संकेत दिया कि आरबीआई इस समस्या से निपटने के...

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बीमा जैसे उत्पादों की गलत बिक्री (Misselling) को लेकर गंभीर चिंता जताई है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने स्पष्ट संकेत दिया कि आरबीआई इस समस्या से निपटने के लिए सख्त दिशा-निर्देश तैयार करने पर विचार कर रहा है।

राव ने कहा, "गलत बिक्री की वजह से विशेषकर निम्न आय वर्ग के परिवारों का भरोसा वित्तीय योजनाओं से उठ सकता है, खासकर तब जब उनके लिए उपयुक्त उत्पादों की अनदेखी की जाती है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसे हालात में वित्तीय समावेशन की कोशिशों को नुकसान हो सकता है।

वरिष्ठ नागरिक और आर्थिक रूप से कमजोर तबका सबसे ज्यादा प्रभावित

RBI पहले भी यह मुद्दा कई बार उठा चुका है कि बैंकों द्वारा ऐसे लोगों को जटिल और गैर-जरूरी उत्पाद बेचे जा रहे हैं जिन्हें उनकी जरूरत ही नहीं होती- जैसे कि बीमा या निवेश योजनाएं, जिन्हें अक्सर फिक्स्ड डिपॉजिट के नाम पर पेश किया जाता है। इससे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं वरिष्ठ नागरिक और वित्तीय जानकारी से वंचित ग्राहक।

राव ने वित्तीय समावेशन पर आयोजित एक कार्यक्रम में माइक्रो फाइनेंस क्षेत्र को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अभी भी अत्यधिक ब्याज दरें (20% से 28% सालाना) वसूली जा रही हैं, जो ग्राहकों के लिए बोझ बन रही हैं। उन्होंने आगाह किया कि माइक्रो फाइनेंस संस्थानों को सिर्फ मुनाफे के नजरिए से नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और विकासशील दृष्टिकोण से काम करना चाहिए।

हालांकि उन्होंने यह भी माना कि दूरदराज इलाकों में लागत और जोखिम अधिक होते हैं लेकिन फिर भी कई संस्थाएं सस्ते फंड के विकल्प होते हुए भी ज्यादा ब्याज वसूल रही हैं – जो अनुचित और शोषणकारी है।

अनैतिक वसूली से बचें, टिकाऊ वित्तीय मॉडल अपनाएं: RBI की अपील

राव ने हाल के घटनाक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि सख्त वसूली और ऊंची ब्याज दरों की वजह से कई दुखद घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कर्जदाताओं से अपील की कि वे अनैतिक वसूली के तरीकों से बचें और जिम्मेदार एवं टिकाऊ वित्तीय सेवाएं प्रदान करें।

उन्होंने कहा कि माइक्रो फाइनेंस मॉडल में क्षमता है लेकिन उसके मौजूदा ढांचे और प्रोत्साहन प्रणाली में कई खामियां हैं जिन्हें सुधारने की जरूरत है।
  
 

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