BSE मार्केट कैप फिर 5 ट्रिलियन डॉलर के पार, एक्सपर्ट्स ने कहा- फिर भी रहें सतर्क

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Apr, 2025 05:29 PM

bse market cap again crosses 5 trillion experts say still be cautious

सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी का नजारा देखने को मिला। चौतरफा खरीदारी और पॉज़िटिव ग्लोबल संकेतों की बदौलत बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप लगभग तीन महीने बाद एक बार फिर 5 ट्रिलियन डॉलर के पार...

बिजनेस डेस्कः सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी का नजारा देखने को मिला। चौतरफा खरीदारी और पॉज़िटिव ग्लोबल संकेतों की बदौलत बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप लगभग तीन महीने बाद एक बार फिर 5 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है। पिछली बार यह आंकड़ा 20 जनवरी को 5 लाख करोड़ डॉलर से पार गया था। यह उपलब्धि भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में बनाए रखती है, जिनका शेयर बाजार इतना विशाल है- अमेरिका, चीन, जापान और हॉन्ग कॉन्ग के साथ अब भारत भी इस क्लब में शामिल है। भारत का इक्विटी बाजार 7 अप्रैल को 4.5 लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैप पर फिसल गया था लेकिन तब से इसमें 500 अरब डॉलर से अधिक की रिकवरी हुई है।

सेंसेक्स 855.30 अंक या 1.09 फीसदी बढ़कर 79,408.50 पर और निफ्टी 273.90 अंक या 1.15 फीसदी बढ़कर 24,125.55 पर बंद हुआ है। आज करीब 2829 शेयरों में तेजी रही। 1093 शेयरों में गिरावट रही और 149 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। हालांकि इस तेज उछाल के बाद मार्केट एक्पसर्ट्स निवेशकों को ग्लोबल बाजारों से आ रही खबरों को लेकर सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। 

तेजी के पीछे ये 5 बड़े कारण

1. छोटे-बड़े और PSU शेयरों में भारी खरीदारी:

7 अप्रैल को अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ पर अस्थायी रोक और कारोबारी बातचीत से मिले समर्थन के बाद से बाजार में सकारात्मक रुख बना है। सेंसेक्स, निफ्टी, मिडकैप और स्मॉलकैप सभी इंडेक्स में 9-10% तक की तेजी दर्ज की गई है।

2. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट:

तेल सस्ता होने से महंगाई पर लगाम लगी है और व्यापार घाटा घटा है, जिससे बाजार को राहत मिली है।

3. कंपनियों की बेहतर कमाई के अनुमान:

NSDL के मुताबिक जून तिमाही में कंपनियों की कमाई में 2-3% बढ़त के शुरुआती संकेत मिले हैं, जिससे निवेशकों में भरोसा बढ़ा है।

4. विदेशी निवेशकों की जोरदार वापसी:

महज दो कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने भारतीय बाजार में 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है।

5. मजबूत घरेलू फंडामेंटल्स और ग्लोबल संकेत:

कमोडिटी की कीमतें कम हुई हैं, करेंसी में स्थिरता है और भारत का वैल्यूएशन अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले फिर से आकर्षक बन रहा है।

एक्सपर्ट्स की राय

वेंचुरा के रिसर्च हेड विनीत बोलिंजकर का कहना है कि यह तेजी भारत की मजबूत घरेलू स्थिति और निवेशकों के भरोसे का नतीजा है। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितताओं को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है। IIFL सिक्योरिटीज ने भी कहा है कि इक्विटी मार्केट में तेजी बनी रह सकती है लेकिन साइक्लिकल सुस्ती के संकेतों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
 

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